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    ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था अमित टाटा, धनंजय सिंह का करीबी होने का उठा रहा था फायदा 

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 10:30 PM (IST)

    नशे के लिए उपयोग किए जाने वाले कोडिन युक्त कफ सीरप की तस्करी मामले में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा अमित सिंह ‘टाटा’ राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटा था। वह जौनपुर के रामपुर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था।

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    जागरण संवाददाता, वाराणसी। नशे के लिए उपयोग किए जाने वाले कोडिन युक्त कफ सीरप की तस्करी मामले में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा अमित सिंह ‘टाटा’ राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटा था। वह जौनपुर के रामपुर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था।

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    अमित टाटा ने कुछ वर्ष पूर्व ठेकेदारी का काम लेना शुरू किया तो चुनौतियां मिलने लगीं। वर्चस्व की लड़ाई जीतने के लिए उसने सफेदपोशों से साठगांठ शुरू की। इस दौरान उसकी करीबी जौनपुर के सांसद रहे बाहुबली धनंजय सिंह के साथ हो गई।

    धनंजय ने भी कई अवसरों पर टाटा को अपना करीबी बता दिया। अमित टाटा का इसका सबसे अधिक फायदा हुआ। लखनऊ में उसकी गिरफ्तारी के बाद वाराणसी में कफ सीरप तस्करी की जांच कर रही एसआइटी भी उसके खिलाफ सुबूत जुटा रही है। डीसीपी क्राइम व एसआइटी अध्यक्ष सरवणन टी. ने कहा कि अमित टाटा ने अपने पिता के नाम से दवा की दो फर्में बनाई हैं। इनका पता लगाया जा रहा है।

    जौनपुर के सुरेरी के सीठूपुर गांव निवासी (हाल पता बृजइंक्लेव, वाराणसी) अमित टाटा के खिलाफ कुल सात मुकदमे दर्ज हैं। इनमें छह मुकदमे बनारस और एक लखनऊ में दर्ज है। इनमें तीन मामलों चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, एक मामले की जांच अभी चल रही है और दो मामलों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है।

    पिछले दिनों अमित सिंह की मौजूदगी में कफ सीरप तस्करी गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल द्वारा एक युवक की बेरहमी से पिटाई का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। अमित टाटा के खिलाफ पहला मुकदमा कैंट पुलिस ने 2009 में सरकारी सेवक को धमकाने, रंगदारी मांगने, तोड़फोड़ समेत पांच धाराओं में दर्ज किया था।

    इस केस की जांच पूरी भी नहीं हो पाई कि कैंट पुलिस ने अमित टाटा के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई। इस दौरान अमित भी शांत रहा। इसके बाद 2014 में सारनाथ पुलिस ने जानलेवा हमला समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। हालांकि इस मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी है। 2023 में जानलेवा हमला, धमकी देने का केस दर्ज हुआ।

    इसमें भी फाइनल रिपोर्ट लगाई जा चुकी है। 2015 में खुशहाल नगर के अनिल कुमार सिंह ने जमीन का मालिकाना हक बनाकर उसे बेचने का केस दर्ज कराया। इस बारे में पूछने पर उन्हें गालियां और जान से मारने की धमकी दी गई। मामले की जांच में पुलिस ने जार्चशीट दाखिल की। इसी तरह 2016 में कैंट पुलिस ने देसी पिस्टल लेकर घूमने का केस दर्ज किया, जिसकी जांच में चार्जशीट लगाई।

    इसके बाद 2021 में चौबेपुर के राजा आनंद ज्योति सिंह (अब दिवंगत) जबरन वसूली समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराए जिसमें पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया। 2025 राजातालाब के बभनियांव निवासी विकास सिंह ने अमित टाटा समेत चार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रयास, शांति भंग करने, चोट पहुंचाने की धाराओं में केस दर्ज किया। पुलिस इस मामले में जांच पूरी नहीं कर पाई है।