टोल प्लाजा पर वाहन चालकों को बिना फास्टैग दोगुना की जगह सवा गुना ही लगेगा टोल, जानें पूरा बदलाव...
अब टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग वाले वाहनों से दोगुना नहीं, सवा गुना टोल टैक्स लगेगा। सड़क परिवहन मंत्रालय ने नियमों में बदलाव किया है। पहले दोगुना टोल वसूला जाता था, जिसे अब कम कर दिया गया है। फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है, जिससे टोल प्लाजा पर भीड़ कम हो और यातायात सुचारू रहे।

बारकोड स्कैन करके यूपीआई के माध्यम से लोग टोल का भुगतान कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सरकार के नए नियमों के अनुसार, देशभर के टोल प्लाजा पर 15 नवंबर से ऐसे वाहन जिनमें फास्टैग नहीं है, वे बारकोड स्कैन करके यूपीआई के माध्यम से टोल का भुगतान कर सकेंगे।
सरकार के आदेश के अनुसार, वाहन चालकों को अब दोगुना शुल्क के बजाय सवा गुना शुल्क देना होगा। यदि वाहन चालकों के पास फास्टैग और यूपीआई पेमेंट की सुविधा नहीं है, तो उन्हें दोगुना कैश देना पड़ेगा। डाफी टोल प्लाजा पर यूपीआई के लिए 14 बूथों पर बारकोड सिस्टम तैयार किया गया है, जिसे 15 नवंबर से लागू किया जाएगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश के अनुसार, सभी टोल प्लाजा पर 31 अक्टूबर तक बारकोड सिस्टम को अपडेट किया जाना चाहिए। यह फास्टैग की तरह हर लेन में उपलब्ध रहेगा। फास्टैग के उपयोग के बाद डाफी टोल प्लाजा पर केवल सात प्रतिशत कैश कलेक्शन होता है, जबकि बाकी भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जाता है।
वाहन चालकों के लिए फास्टैग सबसे बेहतर विकल्प है। इससे न केवल अतिरिक्त शुल्क नहीं कटता, बल्कि टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता भी नहीं होती। बारकोड स्कैनर से यूपीआई पेमेंट करने पर वाहन चालकों को सवा गुना अधिक भुगतान करना होगा, जिससे वाहन रुकने पर ईंधन की बर्बादी भी होगी।
इस नए नियम के तहत, सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का प्रयास किया है, जिससे टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ कम हो सके और यातायात सुगम हो। फास्टैग के माध्यम से टोल भुगतान करने वाले वाहन चालकों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यह एक सुविधाजनक और आर्थिक विकल्प भी है।
हालांकि अधिकारियों ने वाहन चालकों को सलाह दी है कि वे फास्टैग का ही उपयोग करें, ताकि वे टोल भुगतान की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बना सकें।

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