बनारस स्टेशन पर एक बार फिर एंट्री शुल्क पर सवाल, अवैध वसूली की शिकायत, लगा जुर्माना
वाराणसी के बनारस रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से अवैध वसूली की शिकायत मिली है। अनुराग नामक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर पर्ची में शुल्क का उल्लेख न होने की शिकायत की। रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। स्टेशन पर पिक एंड ड्राप क्षेत्र शुल्क मुक्त है, लेकिन पार्किंग के लिए शुल्क निर्धारित है। पहले भी अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें आई हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस रेलवे स्टेशन पर कुछ माह पूर्व कर्मचारियों द्वारा लूट का बड़ा मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से शिकायतें सामने आने लगी हैं। एक बार लोगों से वसूली का कथित खेल शुरू हो गया है। अनुराग नामक व्यक्ति ने पीएमओ के साथ रेल मंत्रालय और रेल मंत्री को मेंशन करते हुए इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर वसूली की शिकायत की है।
अनुराग ने ‘एक्स’ लिखा कि ठेकेदार ने उन्हें जो पर्ची दी, उसमें शुल्क का जिक्र ही नहीं हैं। इसके संदर्भ में उन्होंने दी गई पर्ची को भी चस्पा करते हुए चल रहे लूट की कारस्तानी को सार्वजनिक किया है। उन्होंने लिखा है कि - "क्या पीएमओ इंडिया के संसदीय क्षेत्र में बनारस स्टेशन में अंदर गाड़ी ले जाकर बुजुर्ग पैसेंजर्स को छोड़ने पर टैक्स देना होगा? कितना देना है वो तो कम से कम लिख देते।
एनईआर गोरखपुर के अधिकारी बेहतर बता सकते हैं कि ऐसा क्यों है और पर्ची पर शुल्क क्यों नहीं लिखा है। पूछने पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि पहले शुल्क नहीं लगता था अब एंट्री करते ही देना होगा, ऐसा मालिक का आदेश है।" इसके साथ ही उन्होंने पीएमओ और रेल मंत्री के साथ ही रेलवे को भी शिकायत में मेंशन किया है।
हालांकि रेलवे की ओर से सतर्कता बरतते हुए सीनियर डीसीएम/बीएसबी/एनईआर ने तत्काल जांच शुरू की और मामले का शीघ्र निस्तारण करते हुए बताया कि "वाणिज्यिक निरीक्षक द्वारा प्रारंभिक जाँच के बाद, पार्किंग ठेकेदार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसने जुर्माना जमा किया है। ऐसी हरकतें दोबारा न करने की चेतावनी दी गई है। हम ऐसी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई में विश्वास करते हैं। हमें विश्वास है कि अगली बार आपका अनुभव बेहतर होगा।"
इस अवैध तरीके की संदिग्ध पर्ची पर कोई रेट न लिखा होना ही इसकी प्रामाणिकता और इसके पीछे का खेल सामने आने की जानकारी जारी की गई पर्ची खुद बता रही है। इसके बाद रेलवे सेवा की ओर से संबंधित अधिकारियों को सूचित करने की जानकारी पोस्ट की गई है। इसके बाद Sr.DCM/BSB/NER को जांच और कार्रवाई के लिए लिखा गया। जिसपर बताया गया कि "जाँच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर 24 घंटे के भीतर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम आपको की गई कार्रवाई से भी अवगत कराएँगे। कृपया अपना मोबाइल नंबर साझा करें ताकि हम आपसे संपर्क कर सकें। निश्चिंत रहें, हम इन शिकायतों को बहुत गंभीरता से लेते हैं।"
हालांकि, रेल प्रशासन ने प्लेटफार्म नंबर आठ की साइड में कई सूचनापट्ट पर स्पष्ट लिखा है कि पिक एंड ड्राप एरिया में जाने का कोई शुल्क देय नहीं होगा। लेकिन पिक एंड ड्राप एरिया में गाड़ी पार्क करने पर रेलवे की ओर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा गाड़ी पार्क के लिए अलग-अलग समय का शुल्क निर्धारित किया गया है। वहीं जांच शुरू होने के बाद एक बार फिर रेलवे की साख पर सवाल उठाया गया है। ठीक उसी जगह जहां कुछ माह पहले ही कुछ घंटे वाहन पार्क करने के बाद सैकड़ों रुपये वसूलने का मामला वायरल हो चुका है।
क्या @PMOIndia के संसदीय क्षेत्र में बनारस स्टेशन में अंदर गाड़ी ले जाकर बुजुर्ग पैसेंजर्स को छोड़ने पर टैक्स देना होगा? कितना देना है वो तो कम से कम लिख देते। @nerailwaygkp के अधिकारी बेहतर बता सकते हैं कि ऐसा क्यों है और पर्ची पर शुल्क क्यों नहीं लिखा है। पूछने पर मौजूद व्यक्ति… pic.twitter.com/82npMFtM9m
— अनुराग 🇮🇳 (@VnsAnuTi) October 22, 2025
After initial enquiry by Commercial Inspector, a fine of Rs. 10,000/- imposed on the parking contractor who deposited the same.
— Sr.DCM/BSB/NER (@srdcmbsb) October 22, 2025
Warning issued to not repeat such acts.
We believe in quick action on such complaints.
We are sure you will have a better experience next time.

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