Dhanteras Shubh Muhurat: धनतेरस पर खरीद के लिए मिलेंगे स्थिर तीन लग्न, ये है शुभ मुहूर्त
वाराणसी में, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष यह पर्व 18 अक्टूबर को है। इस दिन लोग नई वस्तुएं खरीदते हैं और मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा करते हैं। प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय के अनुसार, धनतेरस पर खरीदारी के लिए पूरा दिन शुभ है, और स्थिर लग्न को प्राथमिकता देनी चाहिए। त्रयोदशी तिथि 1:27 बजे शुरू होगी, जिसके बाद खरीदारी करना शुभ रहेगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धन त्रयोदशी (धनतेरस) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष शनिवार 18 अक्टूबर को धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपनी आवश्यकता की नई वस्तुओं की खरीदारी करते हैं और मां लक्ष्मी, गणेश तथा कुबेरादि का पूजन कर उन्हें समर्पित करते हुए पूरे वर्ष घर में धन-धान्य बने रहने की कामना करते हैं।
बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष और ख्यात ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय बताते हैं कि यह पर्व विशेष धनागमन व पूजन के लिए ही है। पर्व के दिन खरीद के लिए पूरा दिन शुभ मुहूर्त होता है। इसलिए धनतेरस पर्व पर कभी भी मां लक्ष्मी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए खरीद कर सकते हैं।
कहा कि वैसे तो पर्व विशेष ही अपने आप में शुभ मुहूर्त व लग्न होता है, इसलिए खरीद के लिए अलग से मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी खरीदा गया धन दीर्घकाल तक स्थिर बना रहे, इसके लिए स्थिर लग्न को प्राथमिकता देने का विधान है।
धनतेरस के दिन सुबह 8:32 बजे से 10:49 बजे तक वृश्चिक लग्न, दोपहर 2:42 बजे से 4:13 बजे तक कुंभ लग्न, शाम 7:18 बजे से 9:14 बजे तक वृष लग्न है। यह सभी स्थिर लग्न हैं। स्वर्णाभूषणों, गृह संपत्ति की खरीद, विवाह, गृह प्रवेश इत्यादि के लिए स्थिर लग्न महत्वपूर्ण होते हैं।
दोपहर 1:27 के बाद खरीद करना होगा शुभ
बीएचयू के ज्योतिष विभाग के आचार्य डा. सुभाष पांडेय ने बताया कि 18 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ दोपहर 1:27 बजे से होगा। अतएव धन त्रयोदशी के लिए कीमती धन-आभूषणों की खरीद का कार्य इसके बाद किया जाना उपयुक्त रहेगा। स्थिर लग्न में भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी व कुबेरादि का पूजन स्थिर प्रभाव देने वाला होता है।
अतएव प्रदोष काल मे सूर्यास्त के बाद दो घंटा 24 मिनट तक पूजनादि कार्य संपन्न कर लेना उचित रहेगा। धनतेरस के दिन ही मां लक्ष्मी व गणेश की प्रतिमाओं की खरीदारी कर लेनी चाहिए और प्रदोष काल में पूजन भी। ताकि मां लक्ष्मी व भगवान गणेश का वास भी घर में स्थिरता के साथ हो।
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