वाराणसी में दीपावली पर सूरन की बढ़ गई डिमांड, जानें क्या है भाव
वाराणसी में दीपावली के अवसर पर सूरन की सब्जी की मांग बढ़ गई है। मान्यता है कि इस दिन सूरन खाना शुभ होता है। बाजार में पहाड़ी और देसी दोनों तरह के सूरन उपलब्ध हैं, जिनमें बिहार से आए सूरन की मांग अधिक है। डॉक्टरों के अनुसार, सूरन पेट दर्द, गैस और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याओं में फायदेमंद होता है। इस बार बाजार में सूरन का भाव भी बढ़ गया है।

दीपावली के दिन सूरन की सब्जी खाना अनिवार्य होता है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सूरन की सब्जी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। जिसकी मार्केट में पूरे साल बिक्री होती रहती है। लेकिन इसका खास उपयोग दीपावली के दिन अनिवार्य रूप से किया जाता है। पुरानी मान्यताओं के हिसाब से दीपावली के दिन सूरन की सब्जी खाना अनिवार्य होता है।
इसके लिए मंडी के व्यापारियों ने भी बड़े पैमाने पर सूरन का आर्डर दे दिया है। मंडी के व्यापारी धनंजय मौर्य, भोला जायसवाल, रामाश्रय, मेहनाज, गुड्डू चौधरी ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी मार्केट में पहाड़ी सूरन और देसी सूरन मौजूद है।
दीपावली के त्यौहार के हिसाब से बड़े पैमाने पर बिहार उसके बाद आंध्रा के सूरन का आर्डर दे दिया गया है। इस समय मार्केट में बिहार के सूरन की ज्यादा डिमांड है। मंडी में रोज 10 पिकअप की खपत हो जा रही है। जो दीपावली तक बढ़ती ही जाएगी।
मंडी में पहाड़ी सूरन का थोक रेट 30 से 40 रुपया प्रति किलो और बाहर फुटकर में 50 से 60 रुपया प्रति किलो में बेचा जा रहा है।
वहीं पुत्तीदार देसी सूरन का थोक रेट 60 रुपया प्रति किलो और मंडी से बाहर फुटकर मार्केट में 70 रुपया प्रति किलो में बेचा जा रहा है।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है सूरन
डीडीयू अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डाक्टर मेहीलाल पटेल ने बताया कि सूरन पेट दर्द, वायु गोला, अमावत तथा यकृत व प्लीहा के मरीजों के लिए काफी लाभ दायक है। साथ ही कृमि, खांसी व श्वांस की तकलीफ वालों मरीजों के लिए भी काफी उपयोगी है। सूरन पोषक रसों के अवशोषण में मदद करके शरीर में शक्ति उत्पन्न करता है। बेचैनी, अपच, गैस, खट्टी
डकारें, हाथ-पैरों में दर्द आदि और शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए भी बहुत ही लाभदायी है।
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