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    वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में यूजी-पीजी की कापी जांचते फर्जी शिक्षक गिरफ्तार, नौ फरार

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 06:56 PM (IST)

    जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर यूजी-पीजी की उत्तर पुस्तिकाएं जांचते समय फर्जी शिक्षक पकड़ा गया जबकि मौके से नौ और लोग फरार हो गए। पुलिस भागे फर्जी शिक्षको की तलाश में जुट गई।

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    वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में यूजी-पीजी की कापी जांचते फर्जी शिक्षक गिरफ्तार

    जौनपुर, जागरण संवाददाता : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर यूजी-पीजी की उत्तर पुस्तिकाएं जांचते समय फर्जी शिक्षक पकड़ा गया, जबकि मौके से नौ और लोग फरार हो गए। पुलिस भागे फर्जी शिक्षको की तलाश में जुट गई। उनके पास से छोड़े गए सामानों के पास से भारी संख्या में मुहर व कागजात मिले हैं।

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    पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नए मूल्यांकन केंद्र पर आधा दर्जन से अधिक विषयों का यूजी -पीजी के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है, जिसमें करीब छह सौ से अधिक परीक्षक मूल्यांकन कर रहे हैं। बुधवार को एक परीक्षक शिक्षा शास्त्र की बंडल को जाचने के बाद जमा करने लगा। कापी के बंडल पर एलाट लेटर पर कोर्डिनेटर का हस्ताक्षर संदिग्ध लगा। पूछताछ में वह डरने लगा।

    मूल्यांकन में लगे अनिल कुमार सिंह निगोह ,एसबी सिंह, कोर्डिनेटर डा.अरुण कुमार चतुर्वेदी, डा.जीपी दुबे डा.अंसार अहमद ने आईडी सत्यापन की तो फर्जी पाया। वह डा. जेपी दुबे की फर्जी हस्ताक्षर कर बंडल एलाट करवाकर मूल्यांकन कर रहा था, उसे पकड़ कर मूल्यांकन के जिम्मेदारों ने उसकी पिटाई की। इसके बाद उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से आधा दर्जन मुहर, आईडी व फर्जी कागजात बरामद हुआ। पकड़ा गया फर्जी परीक्षक सुभाष चंद्र पुत्र राम पलट निवासी रसूलपुर किरहिया तरवा आजमगढ़ का रहने वाला है। इसके पास से सहायक अध्यापक ज्ञानस्थली इंटर कॉलेज भरर्थीपुर आजमगढ़ का पहचान पत्र बरामद हुआ। जिस पर योगय्ता एमए हिंदी दर्ज था। बाद में इसकी जब जांच की गई तो यह भी फर्जी निकला।

    आरोपी ना कहीं शिक्षक है किसी प्राइवेट कान्वेंट स्कूल में पढ़ाता था और पूछताछ चल रही ही रही थी कि पता चला कि नौ और परीक्षक आधे अधूरे कॉपियों का बंडल मूल्यांकन करने के दौरान छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान वह अपना पर्स बैग व अन्य सामग्री छोड़ भागे। सभी की आईडी से भागे लोगों की पहचान हुई। जिसमें अशोक कुमार, वीरेंद्र कुमार, सतीश, अगस्त, आशीष कुमार, जीतबहादुर, मनीष कुमार, आलोक ,तारकेश नाम के कागजात मिले हैं। आरोपी परीक्षक ने बताया कि वह लोग मई की शुरुआत से यहां शिक्षाशास्त्र, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान, वनस्पति विज्ञान,भूगोल की कॉपियों का मूल्यांकन कर चुके हैं। इसके साथ ही वह अन्य विश्वविद्यालयों में मूल्यांकन कर चुके हैं सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी परीक्षक को लेकर के भागे लोगों की बाइक की तलाश कर रही थी। मौके से आरोपी पुलिस से हाथ छुड़ाकर भागने का प्रयास किया। इस दौरान कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार ,महेंद्र यादव व बृजनंदन ने दौड़ाकर पकड़ लिया।