वाराणसी में ई वे बिल दुरुपयोग मामले में फर्म मालिक पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
वाराणसी में राज्य कर अधिकारी ने ई वे बिल के दुरुपयोग और गलत पते पर व्यवसाय संचालित करने के आरोप में संतारा इंटरप्राइजेज के मालिक संतरा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। फर्म के जीएसटी रिटर्न में विसंगतियां पाई गईं और जांच में पाया गया कि पंजीकृत पते पर कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो रही थी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। ई वे बिल के दुरुपयोग तथा पंजीकृत पते पर व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं किए जाने के मामले में कार्रवाई की गई है। राज्य कर अधिकारी की तहरीर के आधार पर थाना शिवपुर पुलिस ने थाना क्षेत्र के भोजूबीर स्थित फर्म संतारा इंटरप्राइजेज के मालिक, पट्टी चितौली खानपुर, देवकली सैदपुर गाजीपुर निवासी संतरा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
थाने पर दी गई तहरीर में कमलाकांत भास्कर राज्य कर अधिकारी ने बताया कि भोजूबीर स्थित संतारा इंटरप्राइजेज के मालिक संतरा द्वारा दाखिल जीएसटी रिटर्न में दाखिल विवरण संदिग्ध पाए गए, अतः फॉर्म द्वारा घोषित व्यवसाय स्थल का सर्वेक्षण राज्य कर अधिकारी वाराणसी द्वारा दिनांक 11 जून 2025 को किया गया, सर्वेक्षण के दौरान यह पाया गया की पंजीकृत पते पर कोई व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं की जा रही थी तथा फर्म वहां पर कार्यरत नहीं थी।
यह भी पढ़ें : "जान हो जेल से रिहा हो गईली..." गाने पर पुलिस थाने का वीडियो वायरल, दोबारा जेल भेज दिया गया, देखें वीडियो...
इसके पश्चात फर्म को उत्तर प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 70 के अंतर्गत सम्मन जारी करते हुए अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया गया परंतु संबंध के क्रम में कोई भी व्यक्ति उपस्थित नहीं हुआ। फर्म की जांच के दौरान पाया गया की घोषित व्यापार स्थल पर फर्म अस्तित्व में नहीं है जबकि विभागीय ई वे बिल से कोयला की खरीद एवं बिक्री प्रदर्शित की जा रही है, जिन वाहनों से खरीद बिक्री से संबंधित ई वे बिल जारी किए गए हैं उनका टोल मूवमेंट विभागीय इबे बिल पोर्टल से जांच करने पर प्रदर्शित नहीं है।
यह भी पढ़ें : Flood In Varanasi : तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे तक बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, पलायन को मजबूर हुए लोग
स्पष्ट है कि फर्म द्वारा वास्तविक रूप से कोई खरीद बिक्री नहीं की गई है बल्कि केवल ई वे बिल सुविधा का दुरुपयोग करते हुए अन्य अन्य फर्मो को ही वे बिल से सप्लाई दिखाई गई है, यदि फर्म का पंजीयन निरस्त नहीं कराया गया तो व्यापारी द्वारा जीएसटी रिटर्न फाइल करते हुए ई वे बिल पोर्टल पर प्रदर्शित खरीद बिक्री के अनुसार अपने रिटर्न फाइल करते हुए बिना वास्तविक खरीद बिक्री के ही अन्य फर्मों को आईटीसी का लाभ प्रदान कर दिया गया होता।
कर अधिकारी ने अपने तहरीर में आरोप लगाया कि फर्म के स्वामी संचालक द्वारा जानबूझकर ई वे बिल का दुरुपयोग किया गया है तथा राज्य और केंद्र सरकार के राजस्व को हानि पहुंचाने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त मामले में थाना शिवपुर पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।