पूर्वांचल में बनारस के बराबर मतदाता सूची से होने जा रहे हैं बाहर, SIR में मिले चौंकाने वाले आंकड़े
वाराणसी में मतदाता सूची से गलत तरीके से शामिल मतदाताओं को हटाने की तैयारी है। पूर्वांचल में 32 लाख से अधिक मतदाता सूची से हटाए जाएंगे, जिनमें वाराणसी ...और पढ़ें

यह कदम चुनावी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मतदाताओं के सत्यापन के दौरान समूचे पूर्वांचल से अकेले बनारस के बराबर मतदाता गलत तरीके से सूची में मौजूद थे, उनको अब हटाने की तैयारी की जा रही है। 32 लाख से अधिक मतदाता समूचे पूर्वांचल में लिस्ट से हटाए जाएंगे यह आंकड़ा अकेले वाराणसी यानी एक बड़े जिले के मतदाताओं की संख्या के बराबर है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला ही नहीं बल्कि SIR की सफलता की कहानी भी कह रहा है। अब इससे मतदान के प्रतिशत में भी इजाफा होने की उम्मीद है।
आंकड़ों पर गौर करें तो वाराणसी में कुल मतदाता 31,53,705 हैं। जबकि इसमें 11,37,130 नो मैपिंग में हैं। अब तक की जांच में 74,336 मृतक पाए गए हैं। जबकि अनट्रेस 208475 मिले हैं। परमानेंटली शिफ्टेड 2,25,552 मतदाता पाए गए हैं। इनमें से आलरेडी इनरोल्ड 10272 मतदाता हैं तो अन्य 38551 मतदाता मिले हैं। इस प्रकार कुल 5,86001 मतदाता अकेले वाराणसी से ही कम होने जा रहे हैं।
वाराणसी, आजमगढ़ और मीरजापुर मंडल के दस जिलों में 32.34 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। वाराणसी में 5.86 लाख और आजमगढ़ में 6 लाख मतदाताओं का नाम सूची से हटेगा। यह प्रक्रिया एसआइआर (सर्विसेज़ इन्फॉर्मेशन रजिस्ट्रेशन) के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना और सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य मतदाता ही चुनावों में भाग लें। यह कदम चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
इस संदर्भ में, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह नाम हटाने की प्रक्रिया सभी संबंधित नियमों और विनियमों के अनुसार की जाएगी। मतदाता सूची में नाम हटाने का यह कार्य उन मतदाताओं के लिए किया जा रहा है, जो या तो मृत हो चुके हैं या जिन्होंने अपने निवास स्थान को बदल लिया है।
इस प्रक्रिया के तहत, वाराणसी में 5.86 लाख और आजमगढ़ में 6 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। इसके अलावा, मीरजापुर मंडल के अन्य जिलों में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम चुनावी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक है।
चुनाव आयोग ने भी सभी से अपील की है कि वे अपने मतदाता पहचान पत्र की जानकारी को नियमित रूप से अपडेट करें और सुनिश्चित करें कि उनका नाम मतदाता सूची में सही ढंग से दर्ज है। यदि किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं है या गलत है, तो उन्हें इसे सुधारने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
इस प्रक्रिया के दौरान, मतदाता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और सुनिश्चित करें कि वे आगामी चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि यदि किसी मतदाता को अपने नाम हटाए जाने के संबंध में कोई आपत्ति है, तो वे संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
इस प्रकार, यह कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि मतदाता जागरूकता को भी बढ़ावा देगा। सभी नागरिकों को इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने अधिकारों का सही ढंग से उपयोग कर सकें।
वाराणसी, आजमगढ़ और मीरजापुर मंडल के मतदाता इस प्रक्रिया के तहत अपने नाम की स्थिति की जांच के बाद मतदाता सूची की स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो चुकी है। यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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