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    काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह ने काशी विश्वनाथ मंदिर में किया दर्शन पूजन

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 02:23 PM (IST)

    काशी तमिल संगमम् के चौथे समूह ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और पूजन किया। मंदिर प्रशासन ने पुष्पवर्षा और वेदध्वनि से उनका स्वागत किया। समूह ने धाम ...और पढ़ें

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    अतिथियों ने "हर हर महादेव" और "वणक्कम काशी" के उद्घोष के साथ श्री विश्वेश्वर के चरणों में अपनी श्रद्धा व्यक्त की। 

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह ने काशी विश्वनाथ मंदिर में किया दर्शन पूजन, दर्शन के पश्चात अन्नक्षेत्र में श्री विश्वेश्वर का प्रसाद ग्रहण किया। सोमवार को काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह के आगमन पर काशी विश्वनाथ मंदिर के शास्त्रियों ने पुष्पवर्षा, डमरू और वेदध्वनी के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया।

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    सभी अतिथियों ने "हर हर महादेव" और "वणक्कम काशी" के उद्घोष के साथ श्री विश्वेश्वर के चरणों में अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इस स्वागत समारोह के बाद, मंदिर प्रशासन ने सदस्यों को काशी विश्वनाथ धाम के भव्य कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण करवाया।

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    इस भ्रमण के दौरान सभी ने धाम के ऐतिहासिक स्वरूप, स्थापत्य कला, नवनिर्मित सुविधाओं और निरंतर बढ़ती श्रद्धा-धारा के बारे में जानकारी प्राप्त की। काशी विश्वनाथ मंदिर का यह धाम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है। यहाँ की वास्तुकला और धार्मिक महत्व ने इसे एक अद्वितीय स्थान बना दिया है।

    भ्रमण पूर्ण होने के बाद, सभी अतिथियों के लिए मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई। अन्नक्षेत्र में परोसे गए प्रसाद ने सभी को काशी की सेवा-परंपरा और अतिथि-भावना का गहरा अनुभव कराया। यहाँ उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रसाद का आनंद लिया और काशी की अद्भुत संस्कृति का अनुभव किया।

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    काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह का यह दर्शन और भ्रमण दोनों समुदायों के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंधों को और सुदृढ़ करने वाला सिद्ध हुआ। यह दिवस काशी और तमिल परंपराओं के संगम का महत्वपूर्ण प्रतीक बनकर स्मरणीय रहेगा।

    इस अवसर पर, काशी विश्वनाथ मंदिर के शास्त्रियों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलता है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद और समझ को भी बढ़ावा देता है। काशी और तमिलनाडु के बीच का यह संबंध सदियों पुराना है और इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है।

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    काशी तमिल संगमम् के इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि धार्मिक स्थलों का भ्रमण केवल आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव मिलता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है।

    काशी तमिल संगमम् का यह कार्यक्रम एक सफल प्रयास रहा, जिसने सभी उपस्थित लोगों को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा दी। काशी विश्वनाथ मंदिर में किया गया यह दर्शन पूजन और अन्नक्षेत्र का अनुभव सभी के लिए अविस्मरणीय रहेगा। काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सांस्कृतिक समागम का भी एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।