Dev Deepawali 2025 : देव दीपावली पर जान्हवी तट का श्रृंगार, उल्लास में डूबी काशी
Dev Deepawali 2025 : काशी में देव दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। गंगा तट को विशेष रूप से सजाया गया है, जिससे शहर उत्साह में डूबा है। गंगा घाटों पर लाखों दीप जलाए गए हैं, जो अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। श्रद्धालु और पर्यटक इस मनमोहक दृश्य का आनंद ले रहे हैं।

वाराणसी में गंगा तट पर देव दीपावली के आयोजन की तैयारियां।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। त्रिपुरासुर के वध के बाद काशी में भगवान शिव को समर्पित देवों की दीपावली काशी में मानो तीनों लोगों के बीच एकरसता ले आई हो। सुबह से घाटों की साफ सफाई के साथ ही सुरक्षा के उपायों के बीच तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गईं। शाम ढलते ही मानो दीपों की लड़ियां जलकर जान्हवी तट का श्रृंगार करने को आतुर नजर आने लगीं।
शाम को सुरक्षा कारणों से भदैनी घाट पर रास्ता चार बजते ही बंद कर दिया गया। जबकि मान मंदिर से त्रिपुरा भैरवी घाट संपर्क मार्ग की सीढ़ियों पर पानी आने के कारण पर्यटक घुटने भर पानी में से आ जा रहे हैं। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ को शाम 4.10 बजे आना था। उनके आगमन में लगभग 45 मिनट की देरी का अनुमान जताया गया है।
साज सज्जा का दौर
विभिन्न समितियों की ओर से घाटों और आरती स्थल की साज सज्जा का दौर चला तो काशी वासियों के घाट श्रृंगार का उल्लास भी छलक पड़ा। दोपहर से ही रंगोली बना रही छात्राओं और युवतियों के प्रयास रंगों संग घाट के किनारे एकाकार नजर आने लगे। दोपहर 12 बजे से ही घाट की ओर लोगों का आगमन शुरू हुआ तो शाम ढलने तक अनवरत जारी रहा।
कबीर की काशी का भाव
कबीर की काशी और काशी के असि घाट पर दोपहर में ही लोग जुटने लगे तो संत कबीर के उद्गार से अभिभूत काशी का आंचल दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट... के भावों से मानो इतराने लगा। घाटों की अर्द्धचंद्राकार श्रृंखला दोपहर से ही आस्था के हिलोरों से उल्लासित नजर आने लगी।
गंगा का पानी दे रहा चुनौती
इस बार गंगा में बाढ़ का पानी अभी पूरी तरह से नहीं उतर सका है लिहाजा घाटों पर बैरिकेडिग कर सुरक्षा के उपाय को चाक चौबंद पूर्व में ही कर लिया गया। सुबह से ही एनडीआरएफ और जल पुलिस की सक्रियता शुरू हो गई और गंगा में होने वाले ट्रैफिक जाम पर नियंत्रण के लिए सक्रिय हो उठे।
बीते दिनों कई दिन तक हुई बारिश के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ा होने से लंबे समय बाद ऐसा मौका आया है कि जानकी घाट और जैन घाट के बीच संपर्क टूटा हुआ है और आने जाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा यहां पर सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है।
शाम होते ही बढ़ा उल्लास
घाटों पर दीयों की कतारें सज गई हैं, कार्तिक पूर्णिमा बुधवार की संध्या की प्रतीक्षा है, जब सूर्यदेव के अस्ताचल में जाते ही मां जाह्नवी के तट पर आस्था की बाती प्रज्वलित होगी। गंगा में उतरती आस्था की सीढ़ियों पर सनातन की ज्योति से पूरा विश्व दीप्तिमान होगा। काशी में कल-कल बहतीं उत्तरवाहिनी मां गंगा 25 लाख दीपों से जगमगाता स्वर्णिम चंद्रहार पहनेंगी तो इस अलौकिक छटा को निरखने को देवगण भी स्वर्ग से काशी की धरती पर उतर आएंगे।
भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर के संहार के उपलक्ष्य में देवों द्वारा स्वर्ग में मनाई गई दीपावली ‘देव दीपावली’ का पर्व बुधवार को काशी में अपनी पूरी भव्यता व दिव्यता के साथ मनाया जाएगा। सनातन वैभव को दैदीप्यमान कर संपूर्ण विश्व को आलोकित करने वाले इस महापर्व पर देश-विदेश के लाखों सैलानी यहां पहुंच चुके हैं तो कार्तिक पूर्णिमा पर मां गंगा की पावन धारा में स्नान कर पुण्य की डुबकी लगाने वाले सनातनी आस्थावानों का रेला मंगलवार को ही बनारस की सड़कों पर बहने लगा था। महापर्व पर अपने अतिथियों का स्वागत करने को काशी पूरी तरह से सज-धज कर तैयार है। हर ओर जगमगाती रंग-बिरंगी झालरों ने पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजा दिया है।
सड़कों, गलियों से होते रोशनी का यह रेला घाटों, मंदिरों तक कण-कण को प्रकाशवान बनाए हुए है। प्रकाश की लड़ियां गंगधारों से टकराकर अपूर्व शोभा उत्पन्न कर रही हैं। इधर समितियों ने विभिन्न घाटों पर दीपोत्सव की अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बुधवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नमो घाट पर दीप प्रज्वलन कर इस दीपोत्सव का शुभारंभ करेंगे। इसके पश्चात काशी के 84 घाटों, कुंडों, सरोवरों की सीढ़ियों व देवालयों में लाखों दीप एक साथ जगमगा उठेंगे।
बाढ का पानी, बना हुआ है परेशानी
इस बार गंगा में बाढ़ का पानी अभी पूरी तरह से नहीं उतर सका है लिहाजा घाटों पर बैरिकेडिग कर सुरक्षा के उपाय को चाक चौबंद पूर्व में ही कर लिया गया। सुबह से ही एनडीआरएफ और जल पुलिस की सक्रियता शुरू हो गई और गंगा में होने वाले ट्रैफिक जाम पर नियंत्रण के लिए सक्रिय हो उठे। बीते दिनों कई दिन तक हुई बारिश के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ा होने से लंबे समय बाद ऐसा मौका आया है कि जानकी घाट और जैन घाट के बीच संपर्क टूटा हुआ है और आने जाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दीपों के प्रकाश में अनेक संदेश देंगी घाटों पर सजी कलाकृतियां
विभिन्न घाटों पर दीपों व पुष्पों से निर्मित अनेक प्रकार की कलाकृतियां वैश्विक समुदाय को धर्म-संस्कृति, आदर्श, ज्ञान, शुचिता व सदाचार का संदेश देते दृष्टिगोचर होंगी। इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा आठ लाख अधिक दीपों की व्यवस्था की गई है। पिछले वर्ष 17 लाख दीप जले थे, जिनमें सरकार व प्रशासन ने 12 लाख दीपों की व्यवस्था की थी तो तमाम संगठनों, समितियों ने जनसहभागिता से लगभग पांच लाख दीप जलाए थे उनमें तीन लाख दीप गाय के गोबर से निर्मित थे। इस बार सरकार व प्रशासन ने 10 लाख दीपों की व्यवस्था की है तो तमाम संगठनों, समितियों ने जनसहभागिता से लगभग 15 लाख दीप जलाने का संकल्प व्यक्त किया है। इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर से निर्मित हैं।
आपेरशन सिंदूर के वीर जवानों को समर्पित होगी दशाश्वमेध घाट की महाआरती
दशाश्वमेध घाट पर नियमित होने वाली मां गंगा की आरती को गंगा सेवा निधि द्वारा देव दीपावली पर भव्य स्वरूप दिया जाएगा। 21 क्विंटल फूलों से घाट सजाया जा रहा है। यहां 51 हजार दीप जलेंगे। इस अवसर पर कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। 21 अर्चक और 42 देव कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में माँ गंगा की महाआरती करेंगी। शंखनाद और डमरुओं की निनाद से घाट गूंज उठेंगे। इस भव्य आयोजन का सीधा प्रसारण संस्था के यूट्यूब चैनल गंगा आरती गंगा सेवा निधि के चैनल पर देखा जा सकेगा।
56 घाटों पर आरती, आठ किलोमीटर लंबा उत्सव क्षेत्र
देव दीपावली का आयोजन इस वर्ष 56 गंगा घाटों पर किया जा रहा है। लगभग आठ किलोमीटर लंबे क्षेत्र में एक साथ दीप प्रज्वलन और आरती की जाएगी। गंगा, वरुणा, गोमती के तटों पर भी दीपोत्सव की अद्भुत झिलमिलाहट देखने को मिलेगी।
इस वर्ष की थीम : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘जाति-पंथ अनेक, हम सनातनी एक’
श्रीदेव दीपावली एवं आरती महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त ने बताया कि इस वर्ष देव दीपावली की थीम ‘आपरेशन सिंदूर’, ‘नशा उन्मूलन’ और ‘जाति-पंथ अनेक, हम सनातनी एक’ रखी गई है। इस थीम के अंतर्गत घाटों पर सनातन एकता, नारी शक्तिकरण, नशा मुक्ति और राष्ट्रीय एकता के संदेश को सजावट और रंगोलियों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। भोसले घाट, सिंधिया घाट और राम घाट पर भी आपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई देगी। राजघाट के निकट नारी सशक्तिकरण थीम पर विशेष सजावट की गई है। श्रेष्ठ सजावट के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे।
हर घाट पर दिखेगी अलग विशेषता
राजा घाट से लेकर मीर घाट तक के आयोजकों ने अपनी-अपनी विशेषता के साथ घाटों को सजाया है। राजा घाट के आयोजक ने बताया, "हम दीए से पूरा घाट सजाते हैं और हर साल कुछ नया करने की कोशिश करते हैं।" चौसट्ठी घाट पर आयोजक अमर बोस गोल्डन क्लब के सहयोग से माता का स्वरूप बनाया गया है, जबकि राणा महल घाट आयोजक गोपाल चंद्र ने बताया कि स्वच्छता पर फोकस किया गया है। मानमंदिर घाट के आयोजक अजय शंकर तिवारी ने कहा विदेशियों के साथ मिलकर अल्पना और दीप सजावट की गई है। मीर घाट के आयोजक ने कहा, "हम मां गंगा के किनारे बसे हैं, इसलिए बाबा का ध्यान करते हुए मां गंगा को दीपक से सजाते हैं।"
जीयो और जीने दो का संदेश देगा जैन घाट
भगवान सुपार्श्वनाथ की की जन्मस्थली स्थित श्रीभदैनीजी दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र में देव दीपावली पर जैन धर्म एवं भगवान महावीर स्वामी के प्रमुख सिद्धांतों को दर्शाया जाएगा। घाट पर सजे दीए और अल्पतनाएं जीयो और जीने दो एवं अहिंसा परमो धर्म का संदेश देंगी। पूरे घाट को 5100 दीपों से सजाया जा रहा है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा और सजावट
बाबा विश्वनाथ का दरबार को फूलों से सजाया जा रहा है। यहां लाइटिंग भी की जा रही है। पूरे धाम में दीप जलाए जाएंगे। ललिता घाट गंगा द्वार को भी दीपों के माध्यम से आकर्षण तरीके से सजाया जाएगा।
वाराणसी में देव दीपावली के आयोजन में शामिल होने के लिए मान मंदिर से त्रिपुरा भैरवी घाट संपर्क मार्ग की सीढ़ियों पर पानी आने के कारण पर्यटक घुटने भर पानी में से आ जा रहे हैं।#Varanasi #DevDeepawali #देवदीपावली2025 #kashi pic.twitter.com/jogoNZ3CnP
— Abhishek sharma (@officeofabhi) November 5, 2025



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