Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुद्ध अस्थि दर्शन से शुरू होगा मूलगंध कुटी मंदिर का वार्षिकोत्सव

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 30 Oct 2025 04:18 PM (IST)

    सारनाथ के मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का वार्षिकोत्सव बुद्ध अस्थि दर्शन से शुरू होगा। इस अवसर पर कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु भाग लेंगे। मंदिर समिति ने सभी आगंतुकों के लिए उचित व्यवस्था की है।

    Hero Image

    वार्षिकोत्सव के माध्यम से बौद्ध धर्म के अनुयायी अपने धर्म के प्रति अपनी निष्ठा और श्रद्धा को व्यक्त करेंगे।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। सारनाथ स्थित महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का 94वां वार्षिकोत्सव 3 नवम्बर से भगवान बुद्ध अस्थि दर्शन के साथ चार दिवसीय समारोह की शुरुआत करेगा। इस अवसर पर बौद्ध मंदिर और परिसर को पंचशील झंडों से सजाया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह जानकारी मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के विहाराधिपति भिक्षु आर सुमित्ता नन्द थेरो ने गुरुवार को महाबोधि सोसाइटी कार्यालय में दी। उन्होंने बताया कि 3 से 5 नवम्बर तक सुबह 6 बजे से 11 बजे तक मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध अस्थि अवशेष का दर्शन होगा। 5 नवम्बर को वार्षिकोत्सव के अवसर पर दोपहर 12:30 बजे अस्थि अवशेष की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके साथ ही मंदिर में धम्म सभा का आयोजन भी होगा।

    3 और 4 नवम्बर को कठिन चीवर दान, महापरित्राण पाठ और संघदान का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, तीनों दिन शाम 6 बजे मंदिर परिसर में 5 हजार दीप जलाए जाएंगे। भिक्षु आर सुमित्ता नन्द थेरो ने बताया कि महाबोधि विद्या परिषद द्वारा संचालित तीनों विद्यालय का 92वां वार्षिकोत्सव 6 नवम्बर को दोपहर 12:30 बजे महाबोधि इंटर कालेज परिसर में सांस्कृतिक और पुरस्कार वितरण समारोह के साथ मनाया जाएगा।

    इस समारोह में श्रीलंका, वियतनाम, कंबोडिया, म्यामार, बांग्लादेश, थाईलैंड, नेपाल, भूटान, तथा भारत के विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, सिक्किम, और हिमाचल प्रदेश से हजारों की संख्या में बौद्ध अनुयायी शामिल होंगे।

    इस वार्षिकोत्सव का आयोजन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार के आयोजनों से बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार होता है और अनुयायियों को एकत्रित होने का अवसर मिलता है।इस वार्षिकोत्सव के माध्यम से बौद्ध धर्म के अनुयायी अपने धर्म के प्रति अपनी निष्ठा और श्रद्धा को व्यक्त करेंगे।