सोनभद्र में पिछले तीन दिनों से ओबरा थर्मल प्लांट के उत्पादन में 1520 मेगावाट की गिरावट
सोनभद्र के ओबरा थर्मल पावर प्लांट में पिछले तीन दिनों से 1520 मेगावाट बिजली उत्पादन में गिरावट आई है। यह गिरावट तकनीकी खराबी और कोयले की कमी के कारण हुई है। उत्पादन में कमी के कारण उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बिजली कटौती हो सकती है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। ऊर्जा विभाग स्थिति को सामान्य करने में जुटा है।

बंद की गयी इकाईयों से पुनः उत्पादन शुरू कर मांग अनुसार बिजली आपूर्ति पूरी करने की कोशिशों में लगा है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र)। पिछले तीन दिनों में ओबरा थर्मल प्लांट की तीन इकाईयां बंद होने से प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा। इन बंद इकाईयों से अब तक 1520 मेगावाट उत्पादन ठप होने से प्रदेश के कई हिस्सों में हुई आपात बिजली कटौती के कारण बिजली प्रबंधन मांग कम होने पर बंद की गयी इकाईयों से पुनः उत्पादन शुरू कर मांग अनुसार बिजली आपूर्ति पूरी करने की कोशिशों में लगा है।
जहां ओबरा 'सी' थर्मल प्लांट की पहली और दूसरी इकाई पिछले रविवार और सोमवार को तकनीकी खराबी कारण से बंद हो गयीं, ऐसे में बुधवार सुबह दस बजकर 19 मिनट पर ओबरा 'बी' थर्मल प्लांट की उत्पादनरत बारहवीं इकाई इलेक्ट्रिकल खराबी के कारण बंद होने के बाद प्रदेश में होने वाली बिजली आपूर्ति लड़खड़ा गई।
हालांकि बिजली प्रबंधन ने 'सी' प्लांट की दोनों इकाईयों से उत्पादन शून्य होने के बाद मांग कम होने पर बंद की गयी परीक्षा थर्मल प्लांट की चौथी इकाई से बीते चार नवम्बर को उत्पादन शुरू कर हालात सुधारने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि एकाएक उत्पादन में हुई इतनी बड़ी गिरावट के बाद प्रबंधन अन्य बंद की गयी इकाईयों से जल्द उत्पादन शुरू कर सकता है।

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