Dev Deepawali 2025 : काशी में गंगा किनारे उतरेंगे सितारे, देव दीपावली पर जलेंगे 15 लाख दीये, सीएम संग 20 लाख लोग होंगे साक्षी
कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में देव दीपावली का भव्य आयोजन होगा। गंगा घाटों पर 15 लाख दीये जलेंगे, जिसे देखने 20 लाख से अधिक लोग आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस उत्सव में शामिल होंगे। गंगा आरती, लेजर शो और ग्रीन आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र होंगे। सुरक्षा और यातायात की विशेष व्यवस्था की गई है।

काशी की लोक परंपरा से जुड़ा दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 5:15 से 5:50 बजे तक गंगा घाटों पर दीप प्रज्वलन से शुरू होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर बुधवार को काशी की अद्भुत अलौकिक और दिव्य देव दीपावली गंगा घाटों पर अपनी स्वर्णिम आभा बिखरेगी। शाम ढलते ही एक साथ 15 लाख दीये जलेंगे।
दीपों की दपदप, विद्युत झालरों की जगमग, सुरों की खनक, कहीं गीत-संगीत की धमक तो गगनचुंबी आतिशबाजी की चमक। फूलों की सुवास तो कहीं चटकीले रंगों का वास। यह सब देश दुनिया से आए लोगों के लिए आकर्षण के केंद्र होंगे।
जाह्ववी के तट पर जगमग इन सितारों को देखने, कैमरों में कैद करने व दिल के एक कोने में यादें समेटने के लिए दुनिया भर से 20 लाख से अधिक लोगों की जुटान होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस महापर्व के साक्षी व सहभागी बनेंगे।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि काशी की लोक परंपरा से जुड़ा दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 5:15 से 5:50 बजे तक गंगा घाटों पर दीप प्रज्वलन से शुरू होगा। इसके बाद डमरू व शंखनाद के बीच नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और असि घाट पर विशेष गंगा आरती शाम छह बजे से 6:50 बजे तक संपन्न होगी।
दशाश्वमेध और राजघाट पर आपरेशन सिंदूर’ की विशेष झलक दिखाई जाएगी। नारी सशक्तीकरण की थीम पर घाटों की सजावट की गई है। चेत सिंह घाट पर दर्शकों के लिए तीन चरणों में प्रोजेक्शन एवं लेजर शो की प्रस्तुति होगी। पहला शो शाम 6:15 से 6:45 बजे, दूसरा 7:15 से 7:45 बजे और तीसरा शो 8:15 से 8:45 बजे तक चलेगा।
यह शो काशी की पौराणिकता, अध्यात्म और संस्कृति को प्रकाश, ध्वनि और थ्री-डी प्रभावों के माध्यम से जीवंत रूप में प्रदर्शित करेगा। ग्रीन आतिशबाजी होगी आकर्षण का प्रमुख केंद्र: ललिता घाट के सामने रेती पर शाम 8:00 से 8:15 तक होने वाली ग्रीन आतिशबाजी इस वर्ष का प्रमुख आकर्षण रहेगी। इस आतिशबाजी में हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं होगा, प्रदूषण न के बराबर रहेगा।
गंगा तट पर हरियाली, स्वच्छता और ‘हरित काशी’ का संदेश देते विभिन्न रंगों की रोशनी की बरसात इस कार्यक्रम को विशेष बनाएगी। पूरे आयोजन को लेकर सुरक्षा, सफाई और यातायात की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारियों की समीक्षा की। कहा कि देव दीपावली काशी की आत्मा और आस्था का उत्सव है। हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालु इस पावन पर्व पर न केवल दिव्यता का अनुभव करें, बल्कि ‘स्वच्छ, हरित और विश्व स्तर की काशी’ के संदेश को भी महसूस करें। सूर्य बुधवार को जब डूबेगा और पहला दीप प्रज्वलित होगा, तब काशी कहेगी “दीपोऽहं शुद्धोऽस्मि” अर्थात, मैं प्रकाश हूं, मैं पवित्र हूं।

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