Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    हो जाएं सावधान!  48 घंटों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की होने जा रही है कमी

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 11:28 AM (IST)

    मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की चेतावनी दी है। ठंड से बचाव के लिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। तापमान में गिरावट से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतें।

    Hero Image

    अगले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में 2-3° डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। इन दिनों सतह पर बंगाल की खाड़ी की ओर से आ रही पुरवाई और आसमान साफ होने के नाते प्रखर धूप की युति ने वातावरण में उमस बढ़ा दिया है। अब हवा का रुख उत्तर-पूर्वी हो गया है। शुक्रवार से न्यूनतम तापमान में गिरावट आरंभ हो गई है। अगले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में 2-3° डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीते चौबीस घंटों में अध‍िकतम तापमान 34.3 डि‍ग्री सेल्‍स‍ियस दर्ज क‍िया गया जो सामान्‍य से 1.9 ड‍िग्री अध‍िक रहा। न्‍यूनतम तापमान 22.3 डि‍ग्री सेल्‍स‍ियस दर्ज क‍िया गया जो सामान्‍य से 3.6 ड‍िग्री अध‍िक रहा। इस दौरान आर्द्रता न्‍यूनतम 73 फीसद और अध‍िकतम 81 फीसद दर्ज क‍िया गया। मौसम व‍िभाग की ओर से जारी र‍िपोर्ट के अनुसार 28 अक्‍टूबर के आसपास बादलों की सक्र‍ियता रह सकती है।  

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के लखनऊ स्थित आंचलिक कार्यालय के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं होने के कारण 28 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में वातावरण सामान्यतः शुष्क बने रहने की संभावना है। दक्षिणी-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना निम्नदाब क्षेत्र पश्चिम-उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रबल होकर 27 अक्टूबर की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम एवं संलग्न पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।

    यदि चक्रवाती तूफान की प्रबलता बनी रही तो यह 29-30 अक्टूबर को प्रदेश के दक्षिणी-पूर्वी भाग में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा की स्थितियां बना सकता है। हालांकि, आंचलिक कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मौसम तंत्र के पूर्ण विकसित होने और समयावधि नजदीक आने पर ही स्थितियां और स्पष्ट होंगी। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने भी बताया कि अभी चक्रवाती तूफान के इस क्षेत्र में प्रभाव के विषय में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।