वाराणसी में बालिका से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा, 11 माह के भीतर आया फैसला
वाराणसी के रामनगर में एक बालिका की हत्या के मामले में आरोपी इरशाद को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। 11 महीने की जांच के बाद जज ने सबूतों के आधार पर यह फैसला सुनाया। बच्ची का शव पिछले साल दिसंबर में एक बोरे में मिला था, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि इरशाद ने बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म का प्रयास किया और फिर उसकी हत्या कर दी।

अदालत ने 11 माह में ही आरोपित इरशाद को साक्ष्यों के आधार पर फांसी की सजा सुनाई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीते वर्ष रामनगर में एक बालिका की हत्या के मामले में आरोपित इरशाद को अदालत ने मंगलवार को एडीजे पाक्सो कोर्ट न फांसी की सजा सुनाई है। लगभग 11 माह की जांच और सुनवाई के बाद जज ने इरशाद के कृत्यों और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह कठोर सजा सुनाई। पुलिस ने सप्ताह भर में इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर आरोपित को फांसी की बुनियाद रखी थी।
वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में 25 दिसंबर को एक मासूम बच्ची का शव बंद बोरे में अर्द्धनग्न अवस्था में मिला था। बच्ची के शव की बरामदगी ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच कर तुरंत जांच शुरू की थी। वाराणसी के तत्कालीन डीसीपी रहे काशी गौरव बंशवाल के अनुसार आठ साल की बच्ची का शव प्राथमिक विद्यालय के पास मिला था। इसके बाद जांच शुरू की गई थी।
बोरे में बंद बच्ची का शव मिलने के बाद पुलिस-प्रशासन के होश उड़ गए थे। रामनगर थाना पुलिस और एसओजी टीम ने तुरंत घटना की जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच के बाद पूरी घटना का खुलासा हुआ। फुटेज में दिखा कि इरशाद, जो बच्ची के घर के पास रहता था, उसने बच्ची की रेकी की। उसने बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म का प्रयास किया। जब वह इस प्रयास में सफल नहीं हुआ, तो उसने बच्ची के सिर को पत्थर से कुचल दिया।
बच्ची की हत्या के बाद इरशाद ने शव को बोरे में भरकर प्राइमरी स्कूल में फेंक दिया। इसके बाद विवेचना साक्ष्यों के आधार पर करने के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद मामले की सुनवाई में तेजी आई और 11 वें महीने में ही अदालत ने आरोपित को साक्ष्यों के आधार पर फांसी की सजा सुना दी।
यह था मामला
24 दिसंबर 2024 को वाराणसी के रामनगर में मच्छर का क्वायल खरीदने निकली आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में एडीजे पाक्सो कोर्ट ने 329 दिनों (लगभग 11 माह) में आरोपित इरशाद उर्फ बांगड़ को मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई। घटना के अगले दिन सुबह सूजाबाद बालिका कंपोजिट विद्यालय परिसर के पीछे कूड़ा गली में बालिका का अर्धनग्न शव बोरे में पड़ा मिला था।
पुलिस जांच में सामने आया कि पीड़िता के पड़ोसी इरशाद ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसके हाथ-पैर तोड़ दिए और फिर शव बोरे में भरकर कूड़ा गली में फेंक दिया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो इरशाद बोरे में शव ले जाता नजर आया।
उसी रात पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान आरोपित के पैर में गोली मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। मामला चंदौली जिले का होने के बावजूद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने रामनगर में केस दर्ज कर तेज जांच कराई और एक माह में चार्जशीट दाखिल की गई।

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