वाराणसी में इस बार कुंड-तालाब पर Chhath Puja, डीएम आज अफसरों संग बैठक में तय करेंगे रूपरेखा
कोविड-19 के संक्रमण से अभी मुक्ति नहीं मिली है। संक्रमण जरूर कम हुआ है लेकिन इसका अंत नहीं हुआ है इसलिए प्रशासन छठ पूजा में खुलकर लोगों को शामिल होने की इजाजत देने के मूड में नहीं दिख रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 के संक्रमण से अभी मुक्ति नहीं मिली है। संक्रमण जरूर कम हुआ है, लेकिन इसका अंत नहीं हुआ है, इसलिए प्रशासन छठ पूजा में खुलकर लोगों को शामिल होने की इजाजत देने के मूड में नहीं दिख रहा है। जिलाधिकारी की ओर से पहले ही संकेत दिया जा चुका है कि इस बार गली-मोहल्ले के तालाबों की साफ-सफाई व्यापक पैमाने पर होगी। पूजा करने वाले सभी लोगों से अपील की जाएगी कि वे अपने क्षेत्र के तालाब या घर पर ही पूजा को प्राथमिकता दें।
नगरीय क्षेत्र में गंगा नदी के तट पर छठ पूजा के दिन अच्छी खासी भीड़ होती है। हालांकि प्रशासन पूरी तरह प्रतिबंधित करने की तैयारी में नहीं है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। छठ पूजा व देव दीपावली को लेकर 17 नवंबर को बैठक तय है। प्रशासन की ओर से इसका स्वरूप तय करने की बात है। छठ पूजा के साथ ही देव दीपावली किस तरह मनाई जाएगी, इसको लेकर भी निर्णय लिया जाएगा। वैसे, मुख्यमंत्री ने देव दीपावली के आयोजन को पहले ही छूट दे दी है, इसलिए देव दीपावली का आयोजन होगा, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिबंधित हो सकते हैं।
हालांकि इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। विधान परिषद वाराणसी खंड शिक्षक व स्नातक चुनाव को देखते हुए प्रशासन इससे किनारा कसने की तैयारी में है। वाराणसी खंड शिक्षक व स्नातक का चुनाव एक दिसंबर को निर्धारित है। पोलिंग पार्टियां 30 नवंबर को रवाना होनी हैं। देव दीपावली 29 नवंबर को है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती होगी। दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि कोविड की वजह से इस बार प्रशासन वीवीआइपी व शासन के आला अधिकारियों से गुजारिश करेगा कि वे देव दीपावली में शिरकत न करें। बहरहाल, छठ पूजा नजदीक है। प्रशासन की ओर से गंगा के घाट, नदी किनारे, तालाब व कुंडों की साफ सफाई शुरू नहीं कराई गई है। स्पष्ट निर्णय न होने के कारण पब्लिक भी असमंजस में है।

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