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    वाराणसी के बीकापुर में बीएलओ द्वारा पूरे परिवार के नाम काटने की बीडीओ से की शिकायत

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 05:11 PM (IST)

    वाराणसी के बीकापुर में बीएलओ द्वारा एक परिवार का नाम मतदाता सूची से हटाने की शिकायत बीडीओ से की गई है। दूधनाथ यादव ने आरोप लगाया कि बीएलओ ने बिना सूचन ...और पढ़ें

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    पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से हटाने की शिकायत सोमवार को बीडीओ चिरईगांव से की है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी (चिरईगांव)। गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बीकापुर बूथ नम्बर 153 पर तैनात बीएलओ विमला देवी द्वारा गांव निवासी दूधनाथ यादव ने अपने पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से हटाने की शिकायत सोमवार को बीडीओ चिरईगांव से की है।

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    शिकायतकर्ता ने बताया कि बीएलओ ने उनके परिवार के सदस्यों से बिना पूछे ही नाम हटाने की कार्रवाई की। जब इस संबंध में बीएलओ से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि परिवार के लोग कहीं और रहते हैं, इसलिए नाम हटाने का निर्णय लिया गया।

    दूधनाथ यादव ने स्पष्ट किया कि उनके परिवार के सदस्यों का नाम केवल एक स्थान पर दर्ज था, जिसे बीएलओ ने बिना किसी सूचना के हटा दिया। उन्होंने बताया कि वे सारनाथ में भाड़े पर रहकर इलाज करवा रहे हैं, जबकि परिवार के सदस्य गांव में खेती करने के लिए आते-जाते हैं।

    इस मामले में उन्होंने बीडीओ चिरईगांव से लिखित शिकायत की है, जिसमें उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों का नाम एसआईआर कार्यक्रम के तहत पुनः मतदाता सूची में जोड़ने की मांग की है। बीडीओ ने मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

    इस बीच, पूर्व जिलापंचायत सदस्य रमेश अज्ञात ने बताया कि सिरिस्ती गांव में 2003 की मतदाता सूची में छितौना गांव के लोगों का नाम दर्ज है। ऐसे में वर्तमान मतदाता सूची के नामों को वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलाना संभव नहीं है। उन्होंने इस संबंध में डीएम, एसडीएम और भारत निर्वाचन आयोग को पंजीकृत पत्र भेजा है।

    यह ध्यान देने योग्य है कि कई बूथों पर बीएलओ के बिना रिपोर्ट के मतदाता सूची से नाम काटे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इस स्थिति के कारण वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग नहीं हो पा रही है, जबकि नाम कटने वाले मतदाताओं ने एसआईआर फार्म भी भरा है।

    इस प्रकार की घटनाएं मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं और इसे सुधारने की आवश्यकता है। इस मामले में आगे की कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके।