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    वाराणसी में हर 36 में से एक पुरुष को मुख के कैंसर का खतरा, र‍िपोर्ट चौंकाने वाली

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 04:27 PM (IST)

    वाराणसी में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, हर 36 पुरुषों में से एक को मुख का कैंसर होने का खतरा है, जिसका मु ...और पढ़ें

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    रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंसर की चुनौती बढ़ने की बात सामने आई है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच) द्वारा तैयार की गई पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (पी.बी.सी.आर.) रिपोर्ट 2020–21 शनिवार को जारी की गई। यह जिले के लिए जारी की गई इस श्रेणी की तीसरी व्यापक रिपोर्ट है, जो वाराणसी जिले में कैंसर के वास्तविक बोझ, उसके कारणों और वितरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करती है।

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    रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में हर 36 पुरुषों में से एक को मुख का कैंसर होने का खतरा है, जो पुरुषों में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर है। कैंसर के इस उच्च प्रतिशत के पीछे मुख्य कारण तंबाकू तथा इससे बने उत्पादों का सेवन बताया गया है।

    वहीं, महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर स्तन कैंसर है, जिसमें हर 76 महिलाओं में से एक इसके जोखिम में पाई गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो वाराणसी में पुरुषों में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर मुख, जीभ और पित्ताशय की थैली (गॉल ब्लैडर) है, जबकि महिलाओं में स्तन, पित्ताशय की थैली और गर्भाशय का कैंसर प्रमुख हैं।

    पी.बी.सी.आर. रिपोर्ट में वाराणसी जिले की लगभग 41 लाख की जनसंख्या, 1295 गाँव और 90 नगर निकाय वार्ड शामिल हैं। जिले के सभी आठ ब्लॉक्स से व्यवस्थित रूप से आंकड़े इकट्ठा किए गए, जिनमें से 57 प्रतिशत आंकड़े ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं। यह दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंसर की चुनौती तेजी से बढ़ रही है और सटीक डेटा संग्रह के माध्यम से इसके पैटर्न को बेहतर समझा जा रहा है।

    पी.बी.सी.आर. की प्रमुख डॉ. दिव्या खन्ना ने बताया कि प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से यह सामने आया है कि पुरुषों में होने वाले 51.2 प्रतिशत कैंसर और महिलाओं में 14.2 प्रतिशत कैंसर का सीधा संबंध तंबाकू सेवन से है। उन्होंने सुझाव दिया कि तंबाकू का उपयोग पूरी तरह छोड़कर इन कैंसरों को काफी हद तक रोका जा सकता है। डॉ. खन्ना ने यह भी बताया कि कैंसर पंजीकरण टीमें लगातार फील्ड विजिट कर डेटा एकत्र करती हैं, जिससे जिले में कैंसर की वास्तविक स्थिति का वैज्ञानिक विश्लेषण संभव हो पाता है।

    बता दें कि PBCR रिपोर्ट जिले के लिए एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है। टाटा स्मारक केंद्र के तीन मुख्य उद्देश्य, सेवा, शिक्षा और अनुसंधान के अनुरूप यह रिपोर्ट न केवल कैंसर उपचार सेवाओं को मजबूत बनाती है बल्कि जन-जागरूकता और समय पर उपचार सुनिश्चित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाती है। इस तरह की रिपोर्ट जिले के स्तर पर कैंसर के दबाव को समझने में मदद करती है। यह जानकारी उपचार योजना बनाने, जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने और मरीजों को शुरुआती अवस्था में अस्पताल पहुँचने के लिए प्रेरित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।