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    Varanasi Flood Report : वाराणसी में गंगा का कहर जारी, बाढ़ से 90 गांव डूबे, हजारों लोग हुए बेघर

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 05:54 PM (IST)

    वाराणसी में गंगा नदी में आई बाढ़ से तीन तहसीलों के 90 गांव और शहर के 28 मुहल्ले प्रभावित हैं। 1830 परिवारों के 8047 लोग बेघर हो गए हैं। 8124 किसानों की फसलें डूब गई हैं। प्रशासन द्वारा राहत शिविर लगाए जा रहे हैं और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।

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    गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रहा है, जिससे लोगों में चिंता है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : गंगा में तीन महीने में चौथी बार आई बाढ़ के चलते एक बार फिर तीन तहसीलों के 90 गांव व शहर के 28 मुहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इसके चलते 1,830 परिवाराें के 8,047 लोग बेघर हो गए हैं। वहीं देर रात गंगा दशाश्‍वमेध घाट रोड पर प्रवेश कर गईं।

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    अब गल‍ियों में नाव चलने की नौबत आ गई है। गंगा आरती और शवदाह छत पर हो रहा है तो पर्यटक गल‍ियों से ही मां गंगा को नमन कर लौट जा रहे हैं। नौकाएं क‍िनारे बंधी हैं और पानी कम होने का इंतजार कर रही हैं। वहीं शाम चार बजे गंगा का जलस्‍तर आधा सेंटीमीटर प्रत‍िघंटे बढ़ते हुए 70.77 मीटर तक जा पहुंचा है। पानी में भले ही शाम को बढ़ाव कम हुआ हो लेक‍िन नए इलाकों में गंगा का पानी लगातार फैल रहा है।

    वाराणसी में बीते तीन द‍िनों से गंगा का जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार की सुबह दस बजे एक सेंटीमीटर गंगा का जलस्‍तर बढ़ रहा था। केंद्रीय जल आयोग राजघाट की ओर से जारी र‍िपोर्ट के अनुसार सुबह दस बजे जलस्‍तर बढ़ कर 70.73 मीटर पर पहुंच चुका है। यह चेतावनी ब‍िंंदु 70.262 मीटर से काफी ऊपर है। धीरे-धीरे यह खतरा ब‍िंदु 71.262 मीटर की ओर बढ़ रहा है। अध‍िकतम अब तक 73.901 मीटर दर्ज क‍िया गया है।

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    8124 किसानों की 2166.131 हेक्टेयर फसल डूबी इनमें से 1,006 परिवारों के 4,701 लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों में तो 624 परिवारों के 3,346 लोगों ने अपने परिचिताें-रिश्तेदारों के यहां सुरक्षित ठिकानों पर शरण ली है। 8,124 किसानों की 2166.131 हेक्टेयर फसल डूब चुकी है। प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ, जल पुलिस व पीएसी की 199 नावें व एनडीआरएफ की छह टीमें बचाव कार्य में उतार दी गई हैं।

    गंगा का जलस्तर सोमवार की रात आठ बजे चेतावनी बिंदु से 26 सेमी ऊपर 70.52 मीटर पर बह रहा था जो खतरा बिंदु 71.26 सेमी से अभी 74 सेमी नीचे है। जलस्तर में प्रति घंटा दो सेमी की वृद्धि हो रही है। सोमवार को बाढ़ का पानी 15 गांवों व शहर के 16 और मुहल्लों में फैल गया। इससे प्रशासन ने 17 और राहत शिविरों को सक्रिय कर दिया। अब तक कुल 24 राहत शिविर सक्रिय हो चुके हैं।

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    सारनाथ क्षेत्र के दर्जनों घरों में घुसा बाढ़ का पानी

    चौथी बार आई बाढ़ का पानी वरुणा नदी के तटीय इलाकों के दर्जनों मकानों में घुस गया है। सारनाथ के पुराना पुल क्षेत्र में नालों से सटे क्षेत्र रुप्पनपुर पंचकोशी, सलारपुर, पुलकोहना पुरानापुल, दनियालपुर इलाकों में चौथी बार एक दर्जन से अधिक मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मोनू चौहान, बेबी देवी, रीमा का कहना है कि पानी के साथ गंदगी आने से बदबू करता है। सफाई कर्मी से शिकायत करने के बाद भी कीटनाशक दवा का छिड़काव नही करते हैं।

    खरीफ तो बर्बाद, रबी की बोआई पर भी संकट

    चिरईगांव क्षेत्र में गंगा व गंगा सोता में इस वर्ष बार-बार आ रही बाढ़ से तटवर्ती गांवों के प्रभावित परिवारों संग किसान भी पशोपेश में हैं। खरीफ सीजन की फसलें तो बाढ़ की चपेट में आकर बरबाद हो ही चुकी हैं। किसानों को लगता है कि रबी की फसल की बोआई इस बार बाढ़ से प्रभावित रहेगी। इधर बाढ़ राहत चौकी प्राथमिक विद्यालय रामपुर में सोमवार को आठ परिवारों के सदस्य शरण लेने पहुंचे।

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