वाराणसी में भरी दोपहरिया हुई सांध्यकालीन गंगा आरती, सूतक काल में पसरा रहा सन्नाटा, देखें वीडियो...
वाराणसी में चंद्रग्रहण के कारण दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा दोपहर में ही गंगा आरती का आयोजन किया गया। ग्रहण के चलते मंदिरों में सन्नाटा छाया रहा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट शाम 7.30 बजे बंद हो जाएंगे वहीं अन्नपूर्णा मंदिर भी करीब साढ़े सात बजे बंद होगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में हुई गंगा आरती। दरअसल वाराणसी में चंद्रग्रहण की वजह से दोपहर में ही दशाश्वमेध घाट पर संध्याकाल की नैत्यिक गंगा आरती की गई। वहीं दूसरी ओर मंदिरों में दोपहर में सन्नाटा पसर गया।
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#Varanasi में चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक पूर्व दशाश्वमेधघाट पर हुई गंगा आरती। रोजाना यह आरती शाम सात बजे हुआ करती है। 35 वर्षों में इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और 7 अगस्त 2017 को भी इसी कारण आरती का समय बदला गया था। pic.twitter.com/wRHP4dccpX
— Abhishek sharma (@officeofabhi) September 7, 2025
काशी में 35 वर्षों में यह पांचवीं बार है जब मां गंगा की आरती दिन में कराई गई। इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और सात अगस्त 2017 को भी सूतक के मान के कारण ही गंगा आरती का समय बदला गया था। फिलहाल गंगा के बढ़े जलस्तर की वजह से आरती का आयोजन घाट की छत पर किया जा रहा है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को आयोजन से नहीं जोड़ा जा सका।
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#Varanasi में चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक पूर्व दशाश्वमेधघाट पर हुई गंगा आरती। रोजाना यह आरती शाम सात बजे हुआ करती है। 35 वर्षों में इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और 7 अगस्त 2017 को भी इसी कारण आरती का समय बदला गया था। pic.twitter.com/RrNgVK6fKp
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वहीं दूसरी ओर काशी में रविवार को गंगा आरती देखने की मंशा से पहुंचे लोगों को बाढ़ के कारण छत पर हो रही आरती की वजह से दुश्वारी हुई तो सूतक काल की वजह से गंगा आरती और अन्य धार्मिक कार्यों से विमुख होना पड़ा। हालांकि पर्यटक भी गंगा का रौद्र रूप देखने के बाद दूर से ही गंगा मैया को नमन कर लौट गए। जबकि कई श्रद्धालु रुकने के लिए होटलों का जुगाड़ करते नजर आए।
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गंगा में इस बार सीजन की तीसरी बार भारी बाढ़ आने की वजह से गंगा आरती स्थल बदलने के बाद छत पर ही शुरू की गई। वैदिक परंपराओं के अनुरूप छत पर गंगा आरती बटुकों ने शुरू की तो गंगा में बाढ़ की वजह से सांध्यकालीन आरती दोपहर में होने से आरती के दौरान लोगों की मौजूदगी भी काफी कम रही।
परंपरागत रूप से दोपहर 12 बजते ही दशाश्वमेध घाट पर बटुकों ने गंगा आरती शुरू की तो समय से गंगा आरती भी पूरी करने का दबाव रहा। हालांकि समय से गंगा आरती भी पूरी कर ली गई।
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वहीं दूसरी ओर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट परंपरा के अनुसार लगभग दो घंटे पूर्व 7.30 बजे ही बंद हो जाएंगे। जबकि संध्या कालीन आरती सायं चार व शृंगार भोग आरती सायं 5:30 और शयन आरती शाम सात बजे होगी। अन्नपूर्णा मंदिर के पट भी साढ़े सात बजे ही बंद कर दिए जाएंगे। संकट मोचन मंदिर, दुर्गाकुंड स्थित कुष्मांडा मंदिर, गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर मंदिर दोपहर में बंद होने पर अगले दिन भोर में निर्धारित समय से खुलेंगे।
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#Varanasi में चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक पूर्व दशाश्वमेधघाट पर हुई गंगा आरती। रोजाना यह आरती शाम सात बजे हुआ करती है। 35 वर्षों में इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और 7 अगस्त 2017 को भी इसी कारण आरती का समय बदला गया था। pic.twitter.com/JdsSK9Dyz3
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जबकि कैथी स्थित मार्केंडेय महादेव व हरहुआ स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर दोपहर 12.57 बजे सूतक के साथ बंद होंगे। बीएचयू विश्वनाथ मंदिर दोपहर तीन बजे बंद होगा। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती दोपहर 12 बजे शुरू हुई और थोड़ी देर में गंगा आरती समाप्त भी हो गई।
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