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    वाराणसी में एक ही फ्लोटिंग जेटी पर श्रद्धालु बदल सकेंगे कपड़े, कर सकेंगे मां गंगा की पूजा

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 11:08 AM (IST)

    काशी में गंगा स्नान और पूजा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार षट्कोणीय आकार की मल्टीपर्पज फ्लोटिंग जेटी स्थापित करने जा रही है। इन जेटी पर चेंजिंग रूम और पूजा स्थल होंगे साथ ही सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। गंगा का जलस्तर कम होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।

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    एक ही फ्लोटिंग जेटी पर श्रद्धालु बदल सकेंगे कपड़े।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी में गंगा स्नान, मां गंगा की पूजा और बाबा विश्वनाथ के दर्शन की सदियों से सनातन परंपरा रही है। श्रद्धालु मां गंगा की पूजा सुगमता से कर सकें इसके लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार विशेष प्रबंध कर रही है। श्रद्धालु अब फ्लोटिंग जेटी पर बने चेंजिंग रूम में कपडे बदल कर जेटी पर ही पूजा कर सकेंगे।

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    काशी के आठ घाटों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फ्लोटिंग जेटी पर चेंजिंग रूम के सफल प्रयोग के पश्चात अब इस जेटी पर पूजा स्थल के साथ अन्य घाटों पर भी स्थापित किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि गंगा के घाटों पर चार विशेष फ्लोटिंग जेटी स्थापित की जाएगी। जो घाटों पर बने कुछ स्थापत्य कला से मेल खाते हुए दिखेंगे। इन जेटी को षट्कोणीय (हेक्सागोनल) आकार में डिजाइन किया गया है, ताकि गंगा के जल प्रवाह पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। यह डिज़ाइन न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रख कर बनाया जाएगा ।

    सुरक्षा और सुविधा का पूरा इंतजाम

    स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुमन राय ने बताया कि पूजा स्थल पर शेड और प्रत्येक जेटी पर 4 चेंजिंग रूम होगा। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए डबल रेलिंग लगा होगा। डबल लेयर एचडीपीई पांटून जेटी को पानी में स्थिर रखने में सहायक होगा। तीर्थ यात्री फ्लोटिंग जेटी से नाव पर चढ़ और उतर सकेंगे।

    स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि गंगा का जलस्तर कम होते ही फ्लोटिंग जेटी का कार्य शुरू होना प्रस्तावित है। 73 वर्ग मीटर में फ्लोटिंग जेटी का निर्माण लगभग 1.87 करोड़ से होगा। ये जेटी आधुनिक तकनीक और परंपरा के मेल का अनूठा उदाहरण होगा। प्रत्येक जेटी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह गंगा की पवित्रता और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को स्नान और पूजा के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित स्थान मिलेगा।