Flood In Kashi : गंगा ने पार किया चेतावनी बिंदु, खतरे के निशान को पार करने को लहरें हुईं आतुर, देखें वीडियो...
वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। राजघाट स्थित केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा चेतावनी बिंदु को पार कर 70.28 मीटर तक पहुंच गई है। खतरा बिंदु 71.262 मीटर है जिसे गंगा एक-दो दिन में पार कर सकती है। जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी जारी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में गंगा का रुख सोमवार की सुबह से और भी तल्ख हो चुका है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा का रुख अब तटवर्ती इलाकों को चेतावनी दे रहा है कि अब गंगा कभी भी चेतावनी बिंंदु को पार करने के बाद कभी भी खतरा बिंंदु को पार कर सकती हैं। जबकि वाराणसी सहित आसपास के जिलों में सुबह से हो रही बरसात की वजह से गंगा के जलस्तर में और इजाफे का संकेत है।
वहीं, दोपहर दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ रहा था। जबकि चेतावनी बिंदु से काफी ऊपर 70.40 मीटर पर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया है। अब निचली गलियों और सड़कों पर गंगा की बाढ़ का पानी तेजी से भरने लगा है। यही रुख बना रहा तो गलियों में जल्द ही नौका चलने की नौबत आ जाएगी। फिलहाल बाढ़ की वजह से गंगा आरती छत पर हो रही है तो शवदाह स्थल भी छत पर हो चुका है।
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#Varanasi में गंगा का जलस्तर सोमवार को चेतावनी बिंदु को पार कर गया है। यही रुख बढ़ाव का कायम रहा तो जल्द ही गंगा खतरा बिंदु पार कर सकती हैं। pic.twitter.com/HNBJfkGyuJ
— Abhishek sharma (@officeofabhi) September 8, 2025
राजघाट स्थित केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सुबह आठ बजे 2.5 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था। जो सुबह चेतावनी बिंंदु 70.262 मीटर को पार करने के बाद अब सुबह आठ बजे तक 70.28 मीटर पर जा पहुंचा है। वहीं वाराणसी में खतरा बिंंदु 71.262 मीटर है, जहां पहुंचने में गंगा को इसी गति से एक से दो दिन के करीब लग सकता है। वहीं सर्वकालिक तौर पर शहर में गंगा का जलस्तर अधिकतम 73.901 मीटर दर्ज किया जा चुका है।
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वाराणसी में रविवार को आधी रात के बाद गंगा की लहरों ने चेतावनी बिंंदु को पार कर लिया था। चेतावनी बिंंदु से अधिक गंगा का पानी लगातार ढाई सेंटीमीटर प्रतिघंटे तक बढ़ रहा है। पानी बढ़ने के साथ ही नए और निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। पानी वरुणा के रास्ते पलट प्रवाह से कई निचले मोहल्लों में भरने लगा है। बाढ़ की सूरत दोबारा बनने के बाद गंगा में नौकाओं का संचालन भी प्रभावित हो चुका है।
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जिला प्रशासन भी अब बाढ़ के हालातों पर नजर बनाए हुए है और बाढ़ चौकियों पर सतर्कता बरतने के साथ ही बाढ़ प्रभावितों की मदद की तैयारियों में जिला प्रशासन सक्रिय हो चुका है। पूर्वांचल में भदोही, मीरजापुर, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में भी गंगा का रुख अब तल्खी की ओर हो चुका है। इसकी वजह से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की वजह से लोगों के पलायन का भी दौर एक बार फिर शुरू हो चुका है। बीते सप्ताह बलिया जिले में दर्जनों मकान गंगा में समा चुके हैं। वहीं अब भी कई मकानों पर खतरा मंडरा रहा है।
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रविवार को ही खाली कर दिए मकान
कुछ ही दिनों पहले बाढ़ का पानी उतरा था। लोग साफ-सफाई कर अपने घरों में पहुंच राहत की सांस भी नहीं ले पाए थे कि बाढ़ का पानी चौथी बार सारनाथ के रुप्पनपुर पंचक्रोशी इलाके के दर्जनों मकानों में रविवार की सुबह घुस गया। इससे लोगों ने आनन-फानन मकान खाली कर खाली जगहों पर पालीथिन लगा कर शरण ली। एक बार फिर बाढ़ का खतरा सिर पर सताने लगा है।
गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से वरुणा नदी के तटीय इलाकों के रुप्पनपुर पंचकोशी क्षेत्र के दर्जनों मकानों में सुबह से पानी भरने लगा। रीमा, ज्योति चौहान, लक्ष्मीना, प्रभावती, पूजा, खुशबू आदि दर्जनों लोगों के मकानों में पानी घुस गया। पानी लगातार बढ़ने से घरों को खाली कर पलायन का क्रम शाम तक जारी रहा। यही स्थिति दीनदयालपुर, सलारपुर, पुलकोहना इलाको में भी देखी गई।
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