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    BHU अस्पताल में पानी की धार से कटेगा कैंसर ऊतक, वाटर जेट सिस्टम से 10 मरीजों की हुई सर्जरी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 09:46 AM (IST)

    बीएचयू के सरसुंदरलाल अस्पताल में अब वाटर जेट सिस्टम से लिवर और पित्त मार्ग के कैंसर की सर्जरी हो रही है। इस नई तकनीक से सर्जरी और भी सुरक्षित और सटीक हो गई है। पहले यह सर्जरी क्यूसा मशीन से होती थी लेकिन वाटर जेट सिस्टम से अब खून का बहाव कम होता है और नाजुक अंग सुरक्षित रहते हैं। इससे पूर्वांचल और अन्य राज्यों के मरीजों को लाभ मिलेगा।

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    बीएचयू में प्रतिवर्ष 60 से अधिक लिवर और पित्त मार्ग के कैंसर की सर्जरी की जाती है।

    संग्राम सिंह, जागरण, वाराणसी। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में प्रतिवर्ष 60 से अधिक लिवर और पित्त मार्ग के कैंसर की सर्जरी की जाती है। यह मामले सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि बंगाल, झारखंड, बिहार और मध्य प्रदेश से अधिक होते हैं। सर्जिकल आंकोलाजी विभाग की ओटी में जर्मनी की ईआरबीई कंपनी के वाटर जेट सिस्टम से सर्जरी शुरू की गई है, इससे सर्जरी बेहद आसान हुई है।

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    इस विधा से 10 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है, इससे अब और भी सुरक्षित, सटीक और प्रभावी सर्जरी की जाने लगी है। जिनकी सर्जरी हुई है, उनमें 73 वर्ष से अधिक आयु के रोगी भी शामिल हैं। सामान्य ऊतक से कैंसर ऊतक को काटकर अलग करना डाक्टरों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। ऐसे में करीब डेढ़ करोड़ के सिस्टम से पानी की पतली धार से कैंसर ऊतक को काटकर अलग किया जाने लगा है। कैंसरग्रस्त और सामान्य ऊतक के बीच स्पष्ट भेद संभव हुआ है।

    सर्जिकल आंकोलाजी विभागाध्यक्ष डा. मल्लिका तिवारी ने बताया कि सर्जरी के दौरान खून का बहाव बहुत कम होता है और नाजुक अंग जैसे रक्त वाहिकाएं एवं पित्त नलिकाएं सुरक्षित रहती हैं। पहले इन आपरेशनों में जटिलताओं का खतरा अधिक रहता था लेकिन अब वाटर जेट सिस्टम से जोखिम कम होगा और परिणाम बेहतर मिलेंगे।

    सरकारी अस्पतालों में यह सिस्टम लखनऊ के एसजीपीजीआइ और केजीएमयू में पहले से सक्रिय है। यहां कैंसर के ट्यूमर को कम समय में सुरक्षित निकालने में मदद मिल रही है। बीएचयू अस्पताल में यह सिस्टम पहली बार कार्यशील हुआ है।

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    अभी तक क्यूसा मशीन से होती थी सर्जरी

    एक साल पहले मिली क्यूसा मशीन से सर्जरी हो रही थी। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता की मदद से यह उपकरण विभाग को आवंटित हुआ। यह ऊतक को अलग करने की अनोखी तकनीक है। वाटर जेट सिस्टम शार्प और ब्लेड-फ्री सर्जिकल प्रक्रिया है। ब्लेड या कैंची के बिना उपकरण काम करता है, जिससे सर्जिकल घाव की जोखिमों को कम किया जा सकता है। कैंसर ऊतकों को अलग करने के अलावा रक्तस्राव को रोकने और ट्यूमर का निष्कासन में उपकरण प्रभावी है।

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