मनरेगा श्रमिकों के लिए जरूरी खबर, काम चाहिए तो पूरी करनी होगी ये शर्त
मनरेगा योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को अब जीवित प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। सरकार ने फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत जिले के 1,36,164 श्रमिकों को बायोमेट्रिक और आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से अपनी पहचान करानी होगी। यह प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी की जानी है, जिससे वास्तविक लाभार्थियों की पहचान हो सके।

अब मनरेगा श्रमिकों को भी देना होगा जीवित प्रमाण प्रत्र। जागरण
संस, जागरण, अल्मोड़ा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पंजीकृत श्रमिकों को अब जीवित प्रमाण पत्र देना होगा। इसके लिए उन्हें ई-केवाईसी करना जरूरी हैं। यह प्रक्रिया केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य फर्जीवाड़े को रोकना और वास्तविक लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करना है। जिले में मनरेगा से जुड़े करीब 1,36,164 श्रमिकों की ई-केवाईसी की जाएगी। इसके लिए श्रमिकों को बायोमेट्रिक पहचान, आधार प्रमाणीकरण और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
पात्र परिवारों को जॉब कार्ड किए जाते हैं जारी
अल्मोड़ा: जिले के 11 विकासखंडों की कुल 1160 ग्राम सभाओं में चल रही मनरेगा योजनाओं के तहत ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इन कार्यों के लिए पात्र परिवारों को जॉब कार्ड जारी किए जाते हैं। श्रमिक इन्हीं योजनाओं में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
ऐसे होगी ई-केवाईसी
अल्मोड़ा: ई-केवाईसी के तहत मनरेगा से जुड़े सक्रिय श्रमिकों को अपने जीवित होने का प्रमाण वेबसाइट पर 31 अक्तूबर तक अपलोड करना होगा। जानकारी के अनुसार, ई-केवाईसी के लिए मोबाइल पर नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के साथ ही आधार फेस प्रमाणीकरण एप को भी इंस्टॉल करना होगा। ई-केवाईसी के कार्य को ग्राम पंचायतों में तैनात ग्राम रोजगार सेवक और ग्राम विकास अधिकारी करेंगे।
'ई-केवाईसी से वास्तविक लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित होगी। इससे मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता आएगी।'
- संतोष कुमार पंत, जिला विकास अधिकारी, अल्मोड़ा
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