छात्र पढ़ाई के साथ सीखेंगे यातायात के नियम, स्कूलों में बने रोड सेफ्टी कॉर्नर
बिहार के स्कूलों में अब छात्र यातायात के नियमों की शिक्षा भी प्राप्त करेंगे। इसके लिए स्कूलों में रोड सेफ्टी कॉर्नर बनाए गए हैं। इन कॉर्नरों में यातायात नियमों से संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकेगा और वे जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे। यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में सहायक होगी।

अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में परिवहन विभाग की नई पहल। जागरण
हेमंत बिष्ट, अल्मोड़ा। अब पहाड़ के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी खेल-खेल में सड़क सुरक्षा के नियम सीखेंगे। अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में परिवहन विभाग की ओर से रोड सेफ्टी कार्नर बनाए जा रहे हैं। पहले चरण में अल्मोड़ा के प्राथमिक विद्यालय फलसीमा, स्यालीधार, द्वारसों और कठपुड़िया में यह कार्नर स्थापित किए जा चुके हैं। अब बच्चे यातायात नियमों को बारीकी से जान सकेंगे।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस अभिनव पहल का उद्देश्य बच्चों के माध्यम से समाज में सड़क सुरक्षा की जागरूकता फैलाना है। विभाग का मानना है कि बाल अवस्था में डाले गए संस्कार जीवनभर टिकते हैं, और इसी समझ के साथ बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियमों से परिचित कराया जा रहा है।
जिससे की आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं में भी लगाम लगाई जा सके।
रचनात्मक तरीके से दी जाएगी जानकारी
इन रोड सेफ्टी कार्नर में विद्यार्थियों को संवादात्मक और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सड़क सुरक्षा की शिक्षा दी जाएगी। विद्यालय की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग्स बनाकर गुड समेरिटन कानून, हिट एंड रन मामलों की जागरूकता, सड़क पर चलने के 10 स्वर्णिम नियम और यातायात संकेत चिह्नों को दर्शाया गया है। इससे बच्चों में न केवल रुचि बढ़ेगी, बल्कि संदेश भी गहराई तक जाएगा।
बच्चे खुद बनाएंगे सड़क सुरक्षा मॉडल
विद्यार्थी कार्ड बोर्ड, क्ले, आइसक्रीम स्टिक और रंगीन कागज की मदद से खुद मॉडल रोड, यातायात संकेत बोर्ड और सुरक्षित ड्राइविंग मॉडल तैयार करेंगे। इससे उन्हें नियमों की व्यावहारिक समझ मिलेगी और वे घर-परिवार व समाज में सड़क सुरक्षा के संदेशवाहक बनेंगे।
रोड सेफ्टी कार्नर के माध्यम से बच्चों को यातायात से जुड़ी जानकारी सरल और प्रभावी तरीके से दी जा रही है। बच्चे अभिभावकों और आसपास के लोगों को भी जागरूक करने का माध्यम बनेंगे।
-अनीता चंद, संभागीय परिवहन अधिकारी, अल्मोड़ा

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