Badrinath Dham gate close: शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट, गूंजे बदरी विशाल के जयकारे
Badrinath Dham door close बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार दोपहर शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालु साक्षी बने। वहीं, 26 नवंबर को उद्धव जी, कुबेर जी और शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर पहुंचेगी।
-1764069131426.webp)
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट देव पूजा के लिए शीतकाल के लिए दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर बंद हो गए।
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर (चमोली): Badrinath Dham Winter Closure बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा ने शीतकाल के लिए विराम ले लिया। धाम के कपाट गढ़वाल स्काउट के बैंड की मधुर लहरियों के बीच मंगलवार अपराह्न 2:56 बजे बंद किये गए।
इस मौके पर 5,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। बुधवार को भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व ज्योतिर्मठ के लिए रवाना होंगी। इससे पूर्व, 22 अक्टूबर को गंगोत्री और 23 अक्टूबर को यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं।
Uttarakhand: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हो गए बंद। देखें वीडियो#BadrinathDham, #BadrinathTemple, #Badrinath pic.twitter.com/ziNM14SJEH
— Sunil Negi (@negi0010) November 25, 2025
चमोली जिले में समुद्रतल से 10,277 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया ब्रह्ममुहूर्त में महाभिषेक पूजा के साथ शुरू हुई। बाल भोग के बाद दर्शन का सिलसिला चलता रहा।
परंपरा के अनुसार दोपहर के भोग बाद भी मंदिर खुला रहा और दोपहर 12:15 बजे रावल अमरनाथ नंबूदरी की अगुआई में सायंकालीन पूजा संपन्न कराई गई।
इसी दौरान मंदिर के गर्भगृह से भगवान के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी व देवताओं के खजांची कुबेरजी के विग्रह को परिसर में लाया गया।
फिर रावल स्त्री वेश धारण कर लक्ष्मी मंदिर पहुंचे और वहां से मां के विग्रह को लाकर गर्भगृह में भगवान नारायण के साथ स्थापित किया।
इसके बाद भगवान को माणा गांव की कन्याओं का तैयार किया घृत कंबल ओढ़ाकर विधि-विधान से मंदिर के कपाट बंद किये गए। इस मौके पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी समेत तीर्थ पुरोहित व हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
चमोली : भू-बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट देव पूजा के लिए शीतकाल के लिए दोपहर ठीक दो बजकर 56 मिनट पर बंद हो गए हैं। देखें वीडियो#BadrinathDham, #BadrinathTemple, #Badrinath pic.twitter.com/xnN1dnFI7k
— Sunil Negi (@negi0010) November 25, 2025
इस बार 16.60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद देवताओं के खजांची कुबेरजी के विग्रह को रात्रि प्रवास के लिये बामणी गांव और उद्धवजी के विग्रह व शंकराचार्य की गद्दी को रावल निवास ले जाया गया।
इस मौके पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया मंदिर परिक्रमा कर सिंहद्वार से बाहर निकले।
अध्यक्ष द्विवेदी ने यात्रा में सहयोगी व सहभागी रहे सभी विभागों, संस्थाओं, सेना, आइटीबीपी, पुलिस, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, हकहकूकधारी व तीर्थ पुरोहितों सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि चारधाम ने यात्रा ने नये कीर्तिमान गढ़े हैं।
इस बार बदरीनाथ धाम में 16.60 से अधिक और चारों धाम में 50 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। कहा कि अब संतों, तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के सहयोग से शीतकालीन यात्रा शुरू हो जाएगी।
कपाट बंद होने के अवसर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती व विजय कपरवाण, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, दंडी स्वामी मुकुंदानंद, सदस्य महेंद्र शर्मा, प्रह्लाद पुष्पवाण, देवीप्रसाद देवली, धीरज पंचभैया, दिनेश डोभाल, पंडित मोहित सती, राजेंद्र प्रसाद डिमरी, डा. विनीत पोस्ती, नीलम पुरी, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, पूर्व सदस्य भास्कर डिमरी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, ईओ नगरपंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, राजेंद्र सेमवाल, भूपेंद्र रावत, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ आदि मौजूद रहे।
बुधवार को पांडुकेश्वर पहुंचेंगी भगवान बदरी नारायण की विग्रह डोलियां
रावल अमरनाथ नंबूदरी की अगुआई में भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि उद्धवजी, धनकुबेर, गरुड़जी व आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली आज शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर पहुंचेंगी। उद्धवजी व कुबेरजी के विग्रह यहां योग-ध्यान बदरी मंदिर में स्थापित हो जाएंगे, जबकि गरुड़जी व आदि शंकराचार्य की गद्दी गुरुवार को ज्योतिर्मठ पहुंचकर नृसिंह मंदिर में स्थापित होंगी। इसी के साथ पांडुकेश्वर व ज्योतिर्मठ में भगवान बदरी नारायण की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएगी।
यह भी पढ़ें- बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए होंगे बंद, मंदिर को सजाया गया 12 क्विंटल फूलों से
यह भी पढ़ें- बदरीनाथ धाम में लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने किया नवनिर्मित प्रवेश द्वार का लोकार्पण

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।