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    Uttarakhand News: स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा एलान, हेल्थ डिपार्टमेंट में 300 डॉक्टरों की होगी भर्ती

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 11:26 PM (IST)

    उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए चिकित्सकों के 300 रिक्त पद भरने जा रही है। दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में 220 चिकित्सकों की भर्ती की गई। लापरवाह 56 बांडधारी चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने अनुबंध का उल्लंघन किया था। सरकार गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    स्वास्थ्य विभाग में 300 चिकित्सकों की भर्ती होगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग में चिकित्सकों के 300 रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजने और रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है। उन्होंने रविवार को बताया कि हाल ही में 220 चिकित्सकों की भर्ती कर उन्हें पर्वतीय और दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया गया है।

    अब नए 300 पदों पर भर्ती होने से ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी। इसी बीच विभाग ने अपनी जिम्मेदारियों से लापरवाह रहे चिकित्सकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। डॉ. रावत ने जानकारी दी कि लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 56 बांडधारी चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।

    इनसे मेडिकल कॉलेजों को अनुबंध के अनुरूप बांड की धनराशि वसूलने के निर्देश भी दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि लापरवाह चिकित्सकाें के भरोसे स्वास्थ्य तंत्र नहीं छोड़ा जा सकता है।

    उन्होंने बताया कि बीते माह 234 बांडधारी चिकित्सकों को चेतावनी दी गई थी। इसमें से 178 डॉक्टरों ने विभाग में पुनः ज्वाइन कर लिया, जबकि 56 ने अंतिम नोटिस की अनदेखी की। परिणामस्वरूप इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

    डॉ रावत ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को न्यूनतम फीस में एमबीबीएस की पढ़ाई अनुबंध के तहत कराई जाती है। इसके अनुसार, पासआउट डाक्टर को पांच वर्ष तक पर्वतीय जिलों में सेवा देनी अनिवार्य है।

    यदि कोई चिकित्सक सेवा देने से इंकार करता है तो उसे अनुबंध में निर्धारित बांड राशि विभाग को जमा करनी होती है। इसी के आधार पर विभाग अब बर्खास्त चिकित्सकों से बांड की राशि वसूल करेगा।

    मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी नागरिकों को निकटतम अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराना है और इसके लिए नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।