उत्तराखंड के चार पालिटेक्निक में AI लैब स्थापित, छात्रों को मिलेगा मॉडर्न टेक्नोलॉजी का साथ
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चार पॉलिटेक्निक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रयोगशालाएं स्थापित करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य छात्रों को AI की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराना है, जिसमें मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

अब पारंपरिक विषयों को आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण से पढ़ पा रहे हैं छात्र. Concept Photo
अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून । उत्तराखंड के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल के तहत राज्य के चार राजकीय पालिटेक्निक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) प्रयोगशाला स्थापित की गईं हैं। ये प्रयोगशाला राजकीय पालिटेक्निक पित्थूवाला (देहरादून), रानीपोखरी (देहरादून), काशीपुर (ऊधम सिंह नगर) और द्वाराहाट (अल्मोड़ा) में शुरू की गई हैं। इस पहल से उत्तराखंड तकनीकी रूप से सशक्त युवाओं के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के माध्यम से छात्र अब पारंपरिक विषयों को आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण से पढ़ पा रहे हैं, जिससे उनके ज्ञान और कौशल में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डाटा एनालिटिक्स जैसे उभरते हुए विषयों के साथ छात्रों को जोड़ने की दिशा में यह राज्य सरकार की एक अग्रणी पहल मानी जा रही है। इन प्रयोगशालाओं में आवश्यक कंप्यूटर संसाधन, साफ्टवेयर, हाई स्पीड इंटरनेट एवं प्रशिक्षित फैकल्टी की व्यवस्था की गई है, जिससे छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ तकनीकी अनुसंधान का भी अवसर मिल रहा है।
प्रविधिक शिक्षा निदेशालय की माने तो राज्य सरकार इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और इसका उद्देश्य युवाओं को भविष्य की तकनीकों से लैस करना है। प्रयोगशालाएं केवल इन चार संस्थानों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि राज्य के अन्य 71 पालिटेक्निक संस्थानों को भी इससे प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलेगा। इससे पूरे राज्य में तकनीकी शिक्षा का स्तर सुधरेगा और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
पालीटेक्निक छात्रों की रुचि और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग और इंडस्ट्री सह सहयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी योजना बनाई जा रही है। इससे तकनीकी शिक्षा को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सकेगा।
ऐसे मिलेगा एआइ से छात्रों को लाभ
तकनीकी विषयों की समझ और व्यावहारिकता बढ़ेगी। एआइ के ज़रिए इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल, सिविल, कंप्यूटर साइंस आदि पारंपरिक विषयों में डाटा विश्लेषण, स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम, भविष्यवाणी माडल जैसे आधुनिक आयाम जोड़े जाते हैं। इससे छात्र किसी भी विषय को नई दृष्टि से समझ पाते हैं। आज की इंडस्ट्री आटोमेशन, रोबोटिक्स, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित है। इसका भी एआइ से लाभ मिलेगा।
समस्या सुलझाने की क्षमता में वृद्धि
एआइ का ज्ञान डिप्लोमा छात्रों को उद्योग की वर्तमान और भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार तैयार करता है, जिससे वे सीधे काम के लिए तैयार रहते हैं। एआइ टूल्स और तकनीकों का इस्तेमाल कर छात्र रियल-लाइफ समस्याओं का विश्लेषण और समाधान कर पाते हैं। इससे उनमें जटिलताएं से जूझने, आत्म विश्वास एवं कौशल क्षमता विकसित होती हैं।
प्रदेश के चार पालीटिक्निक में एआइ प्रयोगशाला स्थापित कर दी गई हैं। छात्रों को इससे कई तकनीकी लाभ मिलेंगे। भविष्य में कुछ और पालीटेक्निकों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
- देशराज, निदेशक प्राविधिक शिक्षा उत्तराखंड
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