बांग्लादेशी बबली के बारे में बड़ा खुलासा, दिनेश के साथ लिव-इन में रही; फिर की शादी
देहरादून में बांग्लादेशी महिला बबली बेगम की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए हैं। वह कोविड काल में अवैध रूप से भारत आई थी और ब्यूटी पार्लर में काम करती थी। उत्तरकाशी के दिनेश शर्मा से मुलाकात के बाद दोनों ने शादी कर ली और बबली ने भारतीय दस्तावेज बनवा लिए। पुलिस को संदेह है कि इसमें कोई गिरोह शामिल है।

वर्ष 2022 में दिनेश शर्मा से कर ली शादी, पुलिस की पूछताछ में हुए कई खुलासे. Concept Photo
जागरण संवाददाता, देहरादून। देहराखास से बांग्लादेशी बबली बेगम की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। साल 2020-21 में कोविड के दौरान अवैध रूप से भारत आई बबली बेगम ने शुरुआत में देहरादून के एक ब्यूटी पार्लर में काम किया। इस बीच वह एक दुल्हन को सजाने के लिए विवाह समारोह में गई, वहां उसकी मुलाकात उत्तरकाशी निवासी दिनेश शर्मा से हुई। इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हो गई और वह साथ में लिव-इन में रहने लगे। वर्ष 2022 में दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद ही बबली ने दिनेश शर्मा को पति और खुद को उसकी पत्नी भूमि शर्मा दर्शाकर पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड आदि बनवा लिए।
दअरसल, पटेलनगर ने पुलिस ने मंगलवार को आपरेशन कालनेमि अभियान के तहत देहराखास से बांग्लादेशी महिला बबली खातून उर्फ बबली बेगम को गिरफ्तार किया। तलाशी में उसने कब्जे से बांग्लोदश का पहचान-पत्र बरामद हुआ। इसके अलावा देहरादून के बने आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पहचान पत्र आदि भी बरामद हुए। जिनमें उसका नाम भूमि शर्मा पत्नी दिनेश शर्मा है। पुलिस ने बताया कि कोविडकाल के दौरान बांग्लोदश में भूखमरी की हालत हो गई थी। बबली उर्फ भूमि उसी दौरान वह सड़क मार्ग से अवैध रूप से भारत में दाखिल होकर सीधे देहरादून पहुंची थी।
दो महीने पहले दिनेश शर्मा से हुई अलग
आरोपित महिला पहले अपने पति दिनेश शर्मा के साथ सरस्वती विहार में लंबे समय तक रही। लेकिन करीब दो पहले उनके बीच अलगाव हो गया और वह देहराखास में किराये पर रहने लगी। हालांकि, पुलिस उसके पति से पूछताछ करने के लिए उसकी तलाश कर रही है, लेकिन अभी वह मिला नहीं है।
संदेह के घेरे में पार्लर संचालिका
बीते दिनों नेहरू कालोनी पुलिस ने बांग्लादेशी ममून को गिरफ्तार किया था। वह यहां सचिन चौहान बनकर रह रहा था। साल 2021 में उसका मतदाता पहचान पत्र भी सहस्रधारा रोड स्थित खाला इलाके का बना था। पहचान पत्र बनवाने में रायपुर थाना क्षेत्र में ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली खुशबू आलम उर्फ मंजू दीदी की भूमिका सामने आई थी, जिसने 15 हजार रुपये लेकर पहचान-पत्र बनवाया था। पुलिस ने मंजू दीदी से पूछताछ भी की थी। इस घटना के बाद फिर मंजू दीदी संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। जल्द ही अहम सुराग मिलने की संभावना है।
बांग्लादेशियों को बसाने वाले गिरोह के होने का संदेह
देहरादून में लगातार बांग्लादेशी नागरिकों के बसने और भारतीय दस्तावेज बनाने के मामले सामने आ रहे हैं। इस वर्ष पुलिस ने अब तक अवैध रूप से आए आठ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जबकि नौ को वापस बांग्लादेश डिपोर्ट कराया जा चुका है। ऐसे में संदेह है कि देहरादून में बांग्लादेशी नागरिकों को बसाने वाला को गिरोह सक्रिय है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी किसी गैंग की भूमिका सामने नहीं आई है।

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