बिल्डिंग बायलाज में होगा बदलाव, ग्रीन बिल्डिंग बनाने पर मिलेंगी रियायतें, अधिकतम पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा
भवन निर्माण नियमों में बदलाव किया जाएगा, जिसके तहत ग्रीन बिल्डिंग बनाने पर कई तरह की रियायतें दी जाएंगी। इसका उद्देश्य राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना है। सरकार पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे पर्यटन उद्योग को लाभ होगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य में विकास के साथ पर्यावरणीय संतुलन साधने के लिए आवास विभाग बिल्डिंग बायलाज में संशोधन करने जा रहा है। प्रदेश सरकार की मंशा भविष्य में ऐसे भवनों का निर्माण है, जिसके जरिए अधिकतम पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। उप्र-राजस्थान की तर्ज पर प्रदेश सरकार ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार कर रही है। इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
केंद्र के सुझाव पर कई राज्यों ने नए बिल्डिंग बायलाज में सभी आवासीय और गैर-व्यावसायिक भूखंडों पर 10% से 20% तक ग्रीन एरिया आरक्षित करना अनिवार्य कर दिया है।
उत्तराखंड में आवास विभाग भी इस नीति पर काम कर रहा है। इसके तहत छतों पर बागवानी, वर्टिकल गार्डन जैसी पहलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
भवन बायलाज में बदलावों का फोकस निर्माण प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने, निवेश को आकर्षित करने और शहरी भूमि का पूरा उपयोग सुनिश्चित करने पर है। इसके तहत भवन अनुमति, नक्शा स्वीकृति और लाइसेंसिंग को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा।
छोटे और मिड-साइज प्रोजेक्ट्स के लिए स्वतः अनुमोदन की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। ऊंचाई और घनत्व नियमों में लचीलापन भी किया जा सकता है। मिश्रित उपयोग को बढावा दिया जाएगा। छोटे भूखंडों पर भी अधिक गतिविधि और निवेश को आकर्षित करने की आवास विभाग की तैयारी है।
नए बिल्डिंग बायलाज में ग्रीन बिल्डिंग मानक को अनिवार्य, लेकिन सर्टिफिकेशन प्रक्रिया सरल की जाएगी। सोलर पैनल और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
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