छठ पर्व पर देहरादून में मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने पत्नी के साथ सूर्य को दिया अर्घ्य, गीतों से गूंज उठा चौकी घाट
देहरादून में छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। व्रतियों ने सजे हुए घाटों पर छठी मइया के गीत गाए और सूर्य देव को अर्घ्य दिया। लोगों ने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने पत्नी के साथ सूर्य को अर्घ्य दिया। 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने वाले आज सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ेंगे।

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने पत्नी के साथ सूर्य को दिया अर्घ्य।
जागरण संवाददाता, देहरादून। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सजे छठ घाटों में छठी मइया के गीतों की गूंज, भक्तिभाव में डूबे सूर्य देव को अर्घ्य देते पानी में खड़े व्रती, बच्चों से लेकर युवाओं में उल्लास, रंग-विरंगी लाइट से जगमग और सजावट से सजे घाटों में आतिशबाजी, छठ गीतों को गुनगुनाते लोग। सोमवार को यह नजारा नदी और तालाब के घाटों पर देखने को मिला। यह महापर्व छठ के तीसरे दिन का मौका था। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने पत्नी के साथ सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं, छठी मइया के गीतों से चौकी घाट गूंज उठा।
व्रतियों ने घाटों पर पूजा-अर्चना कर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठी मइया से बच्चों की सलामती व परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। छठ मैया के गीत और आतिशबाजी से घाट पूरी रात गूंजते रहे। वहीं, 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने वाले व्रती आज सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पारण करेंगे।
संतान के सुखी जीवन के लिए सूर्यदेव व छठी मैया की आराधना का महापर्व छठ के शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ। देहरादून में 23 छठ घाट हैं, जिनमें टपकेश्वर, चंद्रबनी, रायपुर, केशरवाला, गुल्लरघाटी, सेलाकुई, हरवंशवाला, रायपुर, मालदेवता, पुलिया नंबर-छह, प्रेमनगर, पथरीबाग, ब्रह्मपुरी छठ पार्क मुख्य हैं। इन्हें बिहारी महासभा, पूर्वा सांस्कृतिक मंच, छठ पूजा आयोजन समिति आदि संचालित करते हैं। पर्व के दूसरे दिन रविवार शाम को खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा गया।
वहीं, सोमवार को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोगों ने सुबह से ही तैयारी शुरू कर दी थी। सुबह स्नान ध्यान कर छठ घाट पर जाने की तैयारी के लिए मिट्टी के चूल्हे पर ठेकूआ, खजूर, खाजा, कसार, चावल के लड्डू बनाए। व्रती महिलाओं ने छठ का भोग ठेकुआ, खजूर, पिरूकिया (गुजिया), मीठी पूरी बनाई। इसके अलावा मिठाई, गन्ने व ताजे फल के लिए लिए बाजार गए। मूली, कच्ची हल्दी, लौकी, कद्दू, पानी सिंघाड़ा, लड्डू मिठाई, जंगली बेर, नारियल, गागल (चकोतरा) मिठाई, ठेकुआ को सुपली में सजाकर उसे टोकरी में बांधकर दोपहर के वक्त छठ घाटों की ओर नंगे पांव पहुंचे।
-1761576713360.jpeg)
शाम को सभी व्रतियों ने मिलकर छठी मइया का पूजन विधिवत व पारंपरिक तरीके से किया। जिसके बाद व्रतियों ने अस्ताचल सूर्य देव को अर्घ्य देकर परिवार की कुशलता की कामना की। वहीं सभी घाट पूरी रात छठ गीत पहिले पहिले हम कईनी छठी मईया बरत तोहार.., केरवा के पात पर उगेलन सूरूज देव.., तोहरा महिमा बा अपरंपार ए छठी मईया.. गीतों से गूंजते रहे। रात के लिए विभिन्न घाटों को रंग-विरंगी लड़ियों वे लाइटों से सजाया गया। छठ मैया की आराधना करते हुए व्रतियों ने गीतों की प्रस्तुति दी। वहीं कुछ जगह डीजे के माध्यम से भी गीत गूंजते रहे।
भक्ति ऐसी की दंडवत ब्रह्मपुरी छठ पार्क तक पहुंचे
आस्था का महापर्व छठ को लेकर लोगों में इस कदर भक्ति थी कि कई घरों से ढोल नगाड़े के साथ छठ घाटों पर पहुंचे तो कुछ परिवार ऐसे भी थे, जो दंडवत होते हुए गए। पटेलनगर क्षेत्र की रहने वाली कोमल ने भी दंडवत करके ब्रह्मपुरी छठ पार्क पहुंची। जिस भी रास्ते पर वह गुजरे लोगों ने भी हाथ जोड़कर सुखी जीवन की कामना की।
जरूरतमंदों तक पहुंचाया गया सामान
आयोजक समितियों की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए पूजा सामग्री, फल पहुंचाए गए। विभिन्न क्षेत्रों में छठ घाटों पर भी व्यवस्था की गई। पूजा के दौरान किसी को भी कोई परेशानी ना हो इसके लिए कार्यकर्ता तैनात रहे। घाटों पर अस्ताचल सूर्य की आरती हुई। इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घर को लौटे।
सुबह 50 का तो दोपहर बाद 20 रुपये बिकने लगा गन्ना
छठ महापर्व में पूजा के लिए गन्ना का महत्व है। ऐसे में बाजार में जगह जगह गन्ने के ढेर लगाए गए। शनिवार से लेकर रविवार सुबह तक एक गन्ना 50 रुपये का बिक रहा था वह सोवमार दोपहर के बाद 20 रुपये में बिका। दुकानदारों का कहना था कि गन्ना मंडी से लेकर आए हैं अब वापसी नहीं होगा इसलिए दाम इतने कम किए। वहीं लोगों ने भी गन्ने के छोटे छोटे टुकड़े बनाकर खरीदारी की।
सूर्योदय से लगी लोगों को भीड़
सोमवार को दोपहर के बाद मौसम बदलने लगा। शाम को घाटों पर अर्घ्य देने के लिए व्रती महिलाएं खड़ी रही। कई जगह सूर्यदेव के दर्शन साफ नहीं हुए तो सूर्यास्त साढ़े पांच बजे से पहले सभी घाटों पर व्रतियों ने मन में सूर्यदेव की आराधना कर अर्घ्य दिया। आज सूर्योदय का समय छह बजकर 29 मिनट था। इसी समय अर्घ्य दिया गया।
छठ पार्क बनने से एक साथ पूजा करने की मिल रही सुविधा
ब्रहमपुरी क्षेत्र में नगर निगम की ओर से बनाए गए सूर्य मंदिर छठ पार्क को लाइटों से सुंदर ढंग से सजाया गया। इस दौरान काफी संख्या में लोगों ने पूजा की। छठ पूजा आयोजक समिति के संरक्षक सतीश कश्यप ने बताया कि वर्ष 2012 से छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। पूर्व में छठ पार्क ना होने से कृत्रिम नहरें खोदकर इस पूजा को किया जाता था। लेकिन अब यहां बेहतर व्यवस्था की गई है जिससे अधिक से अधिक लोग यहां आकर अर्घ्य देते हैं।
लड़ियों से जगमगाते रहे घाट
रात को विभिन्न घाटों को रंग विरंगी लड़ियों वे लाइटों से सजाया गया। छठ मैया की आराधना करते हुए व्रतियों ने गीतों की प्रस्तुति दी। वहीं कुछ जगह डीजे के माध्यम से भी गीत गूंजते रहे। कहीं आतिशबाजी हुई तो कई जगह लाग छठी मइया के गीतों में मंत्रमुग्ध रहे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।