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    उत्तराखंड के शहरों ने वायु गुणवत्ता रैंकिंग में किया सुधार, स्वच्छ वायु सर्वेक्षण ने लगाई छलांग

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:08 AM (IST)

    उत्तराखंड के देहरादून ऋषिकेश और काशीपुर शहरों ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग प्राप्त की है जो राज्य के वायु गुणवत्ता प्रबंधन में सुधार को दर्शाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सफलता को स्वच्छ हवा के प्रति उत्तराखंड की प्रतिबद्धता बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य में पर्यावरण को और बेहतर बनाने के लिए काम करेगी।

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    वायु गुणवत्ता प्रबंधन में बढ़ती सफलता को दर्शाता है तीन शहरों की रैंकिंग में सुधार।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत कराए गए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में उत्तराखंड के तीन शहरों ने भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

    तीन प्रमुख शहरों देहरादून, ऋषिकेश व काशीपुर ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। यह राज्य में वायु गुणवत्ता प्रबंधन की बढ़ती सफलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये परिणाम 'सभी के लिए स्वच्छ वायु' के प्रति उत्तराखंड की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में हरीतिमा बढ़ाना, रीयल टाइम निगरानी प्रणाली को सुदृढ़ करना, जनसहभागिता को प्रोत्साहित करना है। साथ ही नवाचार तकनीकी को अपनाते हुए इसके माध्यम से वायु गुणवत्ता में और अधिक सुधार लाया जाएगा।

    गौरतलब है कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में राज्य के तीन शहरों ने अपनी स्थिति मजबूत की है। देहरादून ने इस बार 19वीं रैंकिंग हासिल की है, जबकि पिछले वर्ष वह 37वें स्थान पर था। इसी तरह, ऋषिकेश ने भी पिछले वर्ष के 31 वें स्थान से बढ़कर इस बार 14 वां स्थान हासिल किया है। काशीपुर ने भी स्थिर प्रदर्शन दिखाते हुए 18वीं रैंक हासिल की, जबकि पिछले वर्ष वह 19वें स्थान पर था।

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    प्रमुख सचिव एवं उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष रमेश कुमार सुधांशु ने शहरों की इस उपलब्धि का श्रेय शहरी निकायों, उद्योगों व आमजन के सामूहिक प्रयासों को दिया है।

    उन्होंने कहा कि यांत्रिक सड़क सफाई के माध्यम से धूल नियंत्रण, ठोस अपशिष्ट एवं निर्माण मलबा प्रबंधन, हरित पट्टी विकास, उद्योगों में स्वच्छ ईंधन का उपयोग, स्मार्ट ट्रेफिक प्रबंधन प्रणाली, जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी जैसे उठाए गए कदमों ने इस सफलता में प्रमुख योगदान दिया है।