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    उत्तराखंड में रोपवे अवसंरचना के नये युग का सूत्रपात, प्रस्तावित हैं 50 परियोजनाएं

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 09:35 AM (IST)

    उत्तराखंड में रोपवे अवसंरचना विकास के लिए एनएचएलएमएल और पर्यटन विभाग के बीच समझौता हुआ है। उत्तराखंड रोपवे डेवलपमेंट लिमिटेड 50 रोपवे परियोजनाओं पर काम करेगा जो देहरादून हवाई अड्डे से चारधाम तक एक लूप बनाएगा। यह पर्यावरण अनुकूल पहल पर्यटन को बढ़ावा देगी यातायात जाम कम करेगी और राज्य को ग्रीन ट्रांसपोर्ट स्टेट बनाएगी।

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    उत्तराखंड में विभिन्न जिलों में प्रस्तावित हैं 50 रोपवे परियोजनाएं। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। एनएचएलएमएल और पर्यटन विभाग के मध्य हुए समझौते से उत्तराखंड में रोपवे अवसंरचना विकास के नये युग का सूत्रपात हुआ है। समझौते के तहत गठित होने वाली कंपनी उत्तराखंड रोपवे डेवपलमेंट लिमिटेड अब राज्य में रोपवे परियोजनाओं के लिए चयनित निविदाकारों को लेटर आफ अवार्ड जारी करेगी। राज्य के विभिन्न जिलों में 50 रोपवे परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिन्हें अब पंख लगेंगे।

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    रोपवे विकास समझौते में यह भी प्रविधान किया गया है कि रोपवे परियोजनाओं का ट्रांस हिमालयन मोबिलिटी साल्यूशन के साथ एकीकरण किया जाएगा। यानी, उत्तराखंड रोपवे डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी की रोपवे परियोजनाएं देहरादून हवाई अड्डे से चारधाम, पिंडारी ग्लेशियर, मुनस्यारी, धारचूला, आदि कैलास, ओम पर्वत होते हुए टनकपुर से पंतनगर हवाई अड्डे तक एक सशक्त लूप के रूप में जोड़ी जाएंगी।

    सतत एवं जलवायु सहनशील विकास के प्रति प्रतिबद्धता 

    रोपवे एक पर्यावरण अनुकूल एवं शून्य कार्बन उत्सर्जन करने वाला परिवहन साधन है। पर्यावरणीय दृष्टि से यह उत्तराखंड के अनुकूल है। रोपवे की पहल राज्य में सतत, समावेशी एवं जलवायु सहनशील पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी। साथ ही यातायात जाम, पेड़ों के कटान, भूस्खलन जैसी चुनौतियों से पार पाने में मदद मिलेगी।

    कैंचीधाम का सफर होगा आसान 

    उत्तराखंड रोपवे डेवलपमेंट लिमिटेड जिन रोपवे परियोजनाओं पर प्राथमिकता से काम शुरू करेगी, उनमें काठगोदाम-नैनीताल- कैंचीधाम रोपवे भी शामिल है। प्रथम चरण में काठगोदाम से नैनीताल तक रोपवे बनेगा, जबकि द्वितीय चरण में नैनीताल से कैंचीधाम तक आठ किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है।

    असल में, कैंचीधाम में श्रद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसे में वहां कई बार जाम की स्थिति बन रही है। इसे देखते हुए काठगोदाम-नैनीताल रोपवे को कैंचीधाम से जोड़ने की योजना है।

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    आधुनिक परिवहन की मिलेगी सुविधा 

    पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने कहा कि रोपवे की पहल न केवल उत्तराखंड को आधुनिक परिवहन सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में राज्य को सतत पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण एवं तकनीकी नवाचार को वैश्विक माडल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

    रोपवे परियोजनाएं भविष्य में चारधाम यात्रा को सुगम बनाते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगी और उत्तराखंड को न्यू जेनरेशन ग्रीन ट्रांसपोर्ट स्टेट के रूप में स्थापित करेंगी।