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    इंग्लैंड दौरे पर जाएंगे Dehradun में क्रिकेट सीखने वाले अभिमन्यु, पहले भी भारतीय टीम में हो चुके हैं सिलेक्‍ट

    Updated: Sun, 25 May 2025 06:37 PM (IST)

    देहरादून के अभिमन्यु ईश्वरन का चयन इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में हुआ है। शुभमन गिल कप्तान और ऋषभ पंत उपकप्तान होंगे। अभिमन्यु ने दून में क्रिकेट सीखा फिर बंगाल से खेला। पिता आरपी ईश्वरन ने उनके लिए क्रिकेट एकेडमी खोली। 2022 में उन्होंने उत्तराखंड के खिलाफ नाबाद 141 रन बनाए थे। उनकी सफलता में पिता का अहम योगदान है जिन्होंने बेटे के लिए अपना पेशा बदल दिया।

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    इंग्लैंड दौरे पर जाएंगे दून में क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले अभिमन्यु। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले अभिमन्यु ईश्वरन का चयन इंग्लैंड के टेस्ट दौरे के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम में हुआ। टीम की कमान शुभमन गिल के हाथों में सौंपी गई है। वहीं, बाएं हाथ के विकेट-कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को इंडिया का उपकप्तान बनाया गया है।

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    अभिमन्यु ने क्रिकेट का ककहरा दून में रहकर सीखा। इसके बाद वह 10 साल की उम्र बंगाल चले गये और कई साल तक बंगाल से घरेलू क्रिकेट खेला। बाद में बंगाल टीम के कप्तान भी रहे। उनके पिता सीए आरपी ईश्वरन देहरादून के गुनियाल गांव में अभिमन्यु के नाम से क्रिकेट एकेडमी संचालित करते हैं। खासतौर पर पिता ने अभिमन्यु के प्रशिक्षण के लिए एकेडमी खोली है।

    रणजी ट्राफी 2022 मुकाबले में अपने गृहराज्य की टीम उत्तराखंड के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कप्तान के रूप में अभिमन्यु ने नाबाद 141 रनों की पारी खेली थी। दिलचस्प बात यह है कि यह मुकाबला उन्होंने देहरादून में अपने पिता के द्वारा खोले गये क्रिकेट ग्राउंड में खेला था। अभिमन्यु के क्रिकेट करियर में सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साल 2013-14 के रणजी ट्राफी के क्वार्टर फाइनल में आया।

    जब उन्होंने सुदीप चटर्जी के साथ 163 रनों की साझेदारी कर जबरदस्त पारी खेली थी। अभिमन्यु ने बंगाल की टी-20 टीम साल 2016-17 के अंतरराज्यीय टी-20 टूर्नामेंट से डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने देवधर ट्राफी में हिस्सा लिया।

    साल 2019-20 में के दलीप ट्राफी के लिये रेड टीम मे उन्हें शामिल किया गया। इस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में उन्होंने ग्रीन टीम के खिलाफ 153 रनों की पारी खेली। वहीं, अब भारतीय टीम में शामिल होने पर अभिमन्यु के घर में खुशी का माहौल है। उनके पिता का सीना गर्व से चौड़ा है।

    कामयाबी के पीछे पिता का हाथ

    अभिमन्यु की कामयाबी के पीछे पिता आरपी ईश्वरन का अहम योगदान है। पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट रहे आरपी ईश्वरन ने अपने बेटै को क्रिकेटर बनाने के लिए अकाउंटेंसी का काम छोड़कर क्रिकेट कोचिंग का काम शुरू कर लिया और उन्हाेंने बेटे को कामयाब क्रिकेटर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

    आरपी ईश्वरन मूल रूप से तमिलनाडु के चेन्नई से आते हैं लेकिन उनका पेशा उन्हें देहरादून ले आया। जहां उनकी शादी देहरादून की बेला से हुई। अभिमन्यु अपने माता-पिता की दो संतानों में छोटे हैं। अभिमन्यु से बड़ी उनकी बहन पल्लवी हैं।