जनधन में उत्तराखंड बना चैंपियन, सभी पहाड़ी राज्यों को छोड़ा पीछे... खास रिपोर्ट
उत्तराखंड में जनधन योजना के 11 वर्ष पूरे होने पर राज्य ने वित्तीय समावेशन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 39 लाख लोगों को जनधन योजना से जोड़ा गया है जिनमें से 66% पहाड़ी क्षेत्रों से हैं। योजना के तहत रुपे कार्ड बीमा और ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है हालांकि अभी भी कुछ चुनौतियां बाकी हैं।

अश्वनी त्रिपाठी, देहरादून। जनधन योजना के 11 साल पूरे होने पर उत्तराखंड की उजली तस्वीर सामने आई है। समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को वित्तीय सेवाओं से जोड़ने की दौड़ में उत्तराखंड ने सभी पहाड़ी प्रदेशों को ही पीछे नहीं छोड़ा, बल्कि कई अन्य राज्यों को चुनौती दे डाली है।
गांवों की चौपाल तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाने में उत्तराखंड चैंपियन बनकर उभरा है। अब राज्य के 39 लाख लोगों के बैंक खाते सिर्फ दस्तावेज नहीं, बल्कि तरक्की की नई कहानी कह रहे हैं। जनधन योजना की कामयाबी के 11 साल पूरे होने पर बैंकिंग सेक्टर खुशियां मना रहा है तो उत्तराखंड भी इसमें शामिल है।
इस योजना ने पहाड़ पर बड़े बदलाव किए। जिन लोगों ने कभी बैंक का मुंह तक नहीं देखा था, उनकी चौखट तक बैंकों की पहुंच बनाई जा सकी। राज्य के 39 लाख लोगों को जनधन योजना से जोड़कर 2686 करोड़ रुपये बैंक खातों में जमा कराने का रिकार्ड बनाया गया। इसमें भी 66 प्रतिशत हिस्सेदारी पहाड़ी क्षेत्रों में बसे ग्रामीण खाताधारकों की है।
राज्यों का प्रदर्शन
- राज्य
-- -- -- -- -खाताधारक-- -- -- -- -जमा रकम उत्तराखंड-- -- -- -3932363-- -- -- -- -2686 - त्रिपुरा
-- -- -- -- -1134953-- -- -- -- -- 640सिक्किम-- -- -- -98762-- -- -- -- -- -- -53 - पांडुचेरी
-- -- -- -264826-- -- -- -- -- -- 119हिमाचल-- -- -2017289-- -- -- -- -- -1475 - चंडीगढ़
-- -- -- -337772-- -- -- -- -- -- 194जम्मू-कश्मीर-- -- 2247552-- -- -- -- -- 1679
नोट-जमा रकम करोड़ों में है।
पहाड़ों पर खाताधारकों को मिले कई लाभ
- जनधन योजना का प्रयोग डीबीटी के जरिए लाभ पहुंचाने, ऋण, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, बचत व निवेश बढ़ाने में हो रहा।
- कुल 39 लाख में से 26 लाख लाभार्थियों को निःशुल्क रुपे कार्ड जारी कर पहाड़ पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया गया।
- निःशुल्क रुपे डेबिट कार्ड में 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर व 10,000 तक की
- ओवरड्राफ्ट सुविधा दी गई, जो आपातकाल में सुरक्षा प्रदान करती है।
- जनधन खातों ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा
- बीमा योजना के माध्यम से लाखों श्रमिकों को बीमा सुविधा प्रदान की
अभी भी शेष पहाड़ सी चुनौतियां
- अभी भी कई दुर्गम गांवों में बैंक शाखाएं व एटीएम नहीं होने से लोग योजना से कटे हुए हैं।-नेटवर्क समस्या के कारण पासबुक अपडेट कराने या धन निकासी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता।
- वित्तीय साक्षरता की कमी के चलते बड़ी संख्या में खाते निष्क्रिय पड़े। -दुर्गम इलाकों में बैंकिंग प्रतिनिधियों व मोबाइल वैन बैंकिंग की कमी से बड़ी संख्या में खाते निष्क्रिय।
- जनधन खातों को लेकर क्रेडिट-डिपाजिट रेशियो अभी भी बड़ी चुनौती।
‘उत्तराखंड में आमजन को बैंकिंग सेवाओं की सुविधा उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष ध्यान है। दूरदराज में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। जनधन योजना में राज्य का प्रदर्शन निरंतर अच्छा हो रहा है।’ -आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वित्त
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