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    डायबिटीज से पैर की त्वचा हो चुकी थी नष्ट, हड्डी शुरू हो गई थी गलनी; डाक्टरों ने माइक्रो सर्जरी से किया उपचार 

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:28 PM (IST)

    देहरादून के श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में डॉक्टरों ने माइक्रो सर्जरी से एक मरीज का सफल इलाज किया। डायबिटीज के कारण मरीज के पैर की त्वचा नष्ट हो गई थी और हड्डी गलने लगी थी। डॉक्टरों ने माइक्रोवैस्क्युलर फ्री-फ्लैप सर्जरी करके पैर को बचाया। यह प्लास्टिक सर्जरी की उन्नत तकनीक है।

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    श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में हरिद्वार निवासी मोहम्मद अफजल का माइक्रोसर्जरी के जरिये सफल उपचार के बाद चिकित्सकों की टीम। अस्पताल

    जागरण संवाददाता, देहरादून: श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में हरिद्वार के ज्वालापुर निवासी एक मरीज का माइक्रो सर्जरी के जरिये सफल उपचार किया गया। बीते अगस्त में मोहम्मद अफजल को अस्पताल में भर्ती किया गया था।

    डायबिटीज के कारण दायें पैर की त्वचा पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी और अंदर की हड्डी गलनी शुरू हो गई थी। पैर को काटने से बचाने के उद्देश्य से प्लास्टिक सर्जरी विभाग में डा. भावना प्रभाकर के निर्देशन में भर्ती किया।

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    घाव की सफाई के लिए डिब्राइडमेंट सर्जरी करने के बाद उस हिस्से पर माइक्रोवैस्क्युलर फ्री-फ्लैप सर्जरी की। जिसमें सटीकता से खून की नसों को जोड़कर स्वस्थ भाग से लिए गए मोटे ऊतक (टिश्यू) को प्रभावित स्थान पर प्रत्यारोपित किया।

    माइक्रोवैस्क्युलर तकनीक से की गई इस सर्जरी ने न केवल मरीज का पैर बचाया, बल्कि उसे नया जीवन भी दिया। डा. भावना प्रभाकर ने बताया कि माइक्रो सर्जरी प्लास्टिक व रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की सबसे उन्नत विधियों में से एक है।

    इसमें ब्लड वेसल्स (आट्रीज व वेंस) और नर्व्स को एक मिमी से भी पतले स्तर पर जोड़ा जाता है। यह तकनीक गंभीर चोटों, जलने, कैंसर सर्जरी के बाद हुए ऊतक नुकसान और अंगों के पुनर्निर्माण में अत्यंत उपयोगी है।

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