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    उत्तराखंड में नवरात्र पर कुट्टू के आटे को लेकर एफडीए अलर्ट, खुले आटे की बिक्री पर रोक

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:30 PM (IST)

    उत्तराखंड में नवरात्र और त्योहारों के दौरान कुट्टू के आटे से होने वाली फूड पॉइजनिंग की घटनाओं को रोकने के लिए एफडीए अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुट्टू का आटा केवल सीलबंद पैकेट में ही बेचा जाएगा। बिना लाइसेंस के निर्माण भंडारण या बिक्री करने पर सख्त कार्रवाई होगी। विभाग ने निगरानी अभियान शुरू कर दिया है और ऑनलाइन बिक्री पर भी नजर रखी जा रही है।

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    नवरात्र और त्योहारी सीजन में एफडीए अलर्ट मोड पर. Concept

    जासं, देहरादून। नवरात्र और त्योहारी सीजन में उपवास करने वाले लोग कुट्टू के आटे से बने पकवानों को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन पिछले साल चैत्र नवरात्र में दून और हरिद्वार में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने के बाद बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ गए थे और कई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। फूड पॉइजनिंग की यह घटना विभाग के लिए चेतावनी साबित हुई। इस बार त्योहार शुरू होने से पहले ही खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अलर्ट मोड में सभी टीमों को तैनात कर दिया है।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश कुमार ने इसे लेकर एसओपी जारी की है। अब कुट्टू का आटा केवल सीलबंद पैकेट में ही बिकेगा। बिना लाइसेंस और पंजीकरण वाले किसी भी व्यापारी को कुट्टू आटे का निर्माण, भंडारण या बिक्री करने की अनुमति नहीं होगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    चरणबद्ध निगरानी अभियान

    विभाग ने त्योहारों से पहले ही चरणबद्ध निगरानी अभियान शुरू कर दिया है। पहले चरण में थोक विक्रेता, डिपार्टमेंटल स्टोर और फुटकर दुकानों की पहचान कर उनके यहां उत्पादों की गुणवत्ता, पैकिंग, भंडारण और लेबलिंग की जांच की जाएगी। विभागीय अधिकारियों द्वारा दुकानदारों को नियमों के पालन के लिए बैठकें कराई जाएंगी। दूसरे चरण में नवरात्र प्रारंभ होने से पहले और दौरान आकस्मिक और नियमित निरीक्षण किए जाएंगे।

    पैकेटिंग और गुणवत्ता नियम

    एफडीए ने स्पष्ट किया कि कुट्टू का आटा खुले में नहीं बेचा जाएगा। प्रत्येक पैकेट पर पैकिंग और अवसान तिथि, निर्माता/रिपैकर का पूरा पता और लाइसेंस नंबर अंकित करना अनिवार्य है। खुले विक्रय वाले कुट्टू आटे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और जनस्वास्थ्य की दृष्टि से इसे हतोत्साहित किया जाएगा।

    ऑनलाइन बिक्री पर भी नजर

    विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होने वाली आपूर्ति और बिक्री पर भी निगरानी रखी जाएगी। सभी कारोबारियों को कुट्टू आटे की खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

    क्विक रिस्पॉन्स टीम और त्वरित कार्रवाई

    नवरात्र के दौरान किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जिलों में क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित की गई है। टीम कुट्टू आटा खाने से बीमार होने की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करेगी। जिलों से प्राप्त खाद्य नमूनों की जांच प्राथमिकता के आधार पर खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशालाओं में की जाएगी और रिपोर्ट समय रहते उपलब्ध कराई जाएगी।

    सरकार का सख्त रुख

    अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने को पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मिलावटी या घटिया उत्पाद बेचने वाले किसी भी कारोबारी को बख्शा नहीं जाएगा।

    उपभोक्ताओं से भी अपील की गई है कि यदि उन्हें कहीं संदिग्ध या मिलावटी कुट्टू आटे की बिक्री दिखाई दे तो तुरंत विभाग को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

    एफडीए ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं बल्कि एक समन्वित, सख्त और चरणबद्ध निगरानी है। निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण, फुटकर बिक्री और ऑनलाइन आपूर्ति तक हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी। विभागीय टीमें 24×7 अलर्ट मोड में रहेंगी और मिलावटी उत्पादों की पहचान, नमूना परीक्षण और दोषियों पर त्वरित दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी।