उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती, सीएम धामी ने 13 बलिदानी आंदोलनकारियों के स्वजन का किया सम्मान
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री धामी ने 13 बलिदानी आंदोलनकारियों के परिवारों को सम्मानित किया। उन्होंने राज्य निर्माण में योगदान देने वालों को श्रद्धांजलि दी और शहीदों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया सम्मानित। File
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पूरे होने के उपलक्ष्य में राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान कार्यक्रम में 13 बलिदानी आंदोलनकारियों के स्वजन को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मानित किया।
पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की। जिलाधिकारी सविन बंसल ने राज्य आंदोलनकारियों का स्मरण करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों ने राज्य के लिए सर्वस्व न्योछावर और संघर्ष किया। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से रजत जयंती उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कहा कि बलिदानियों के सपनों के अनुरूप जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इस दौरान आनंदी देवी रावत, धूम सिंह रावत, शांति ममगाई, गीता रावत, अमित ओबरॉय आदि को सम्मानित किया।
दून इंटरनेशनल स्कूल और गोवर्धन सरस्वती इंटर कालेज के छात्र छात्रों ने राष्ट्र गीत का गायन किया। इस मौके पर लोकसभा सदस्य माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट, नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व गणेश जोशी, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, कैंट विधायक सविता कपूर, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल आदि रहे।
मुख्यमंत्री ने राज्य निर्माण में सर्वस्व न्योछावर करने वाले आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि आज राजतोत्सव पर आंदोलनकारियों को सम्मानित किया। यह भावनात्मक क्षण हैं कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे है। राज्य हजारों आंदोलनकारियों के खून पसीने की बदौलत देन है। रामपुर तिराहे पर हमारी मातृशक्ति का अपमान हुआ। लेकिन राज्य प्राप्ति के लिए आंदोलकारी डरे नहीं बल्कि संघर्ष करते रहे। राज्य निर्माण के बाद आंदोलनकारियों ने शिक्षा और सेवा कर अपना जीवन समर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि सभी शहीद स्मारकों का नवीनीकरण होगा, राज्य आंदोलन के आश्रितों की पेंशन तीन हजार बढ़ाकर 5500 दी जाएगी, सात दिन जेल गए और घायलो को छह हजार से बढ़ाकर सात हजार, अन्य को 4500 से बढ़ाकर 5500, विकलांग और शैय्या पर लेते आंदोलनकारियों को 20 हजार से 30 हजार दिए जाएंगे। इनकी देखभाल के लिए एक मेडिकल अटेंडेंट की व्यवस्था की जाएगी। चिह्निकरण के लिए 2021 तक डीएम कार्यालय में प्राप्त आवेदन के लिए छह माह का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधाएं नहीं बल्कि कृतज्ञता का प्रतीक है। भविष्य में भी सरकार राज्य आंदोलनकारियों और स्वजन को लेकर हमेशा संघर्षरत रहेगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस पर उन आंदोलनकारियों के नाम से पांच दीपक जलाने का आह्वान किया जिन्होंने राज्य के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। कहा कि कल राज्य स्थापना दिवस की राज्योत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं। उनके विचारों को सुनकर संकल्प लें कि आने वाले 25 सालों में राज्य हिंदुस्तान का अग्रणी राज्य होगा।

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