Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    आपदा के सात साल बाद टिकोची के छात्रों को मिला स्कूल भवन, 2.5 करोड़ की लागत से बना

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 10:21 AM (IST)

    उत्तरकाशी जिले के टिकोची गांव में आपदा के सात साल बाद राजकीय इंटर कॉलेज को नया भवन मिला। विधायक दुर्गेश लाल ने पूजा-अर्चना के साथ भवन का लोकार्पण किया। 2019 की आपदा में स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। सरकार ने 2.5 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था। नए भवन में 12 कमरे, हॉल, प्रयोगशाला और पुस्तकालय हैं।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, पुरोला। सीमांत ब्लाक मोरी के आराकोट बंगाण क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव टिकोची में स्थित राजकीय इंटर कालेज को आखिरकार आपदा के सात साल बाद अपना नया भवन मिल गया है। सोमवार को क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश लाल ने पूजा-अर्चना व हवन के साथ करीब ढाई करोड़ की लागत से निर्मित इस विद्यालय के नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय परिसर की चाहर दीवारी निर्माण की घोषणा की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि वर्ष 2019 की विनाशकारी आपदा में टिकोची के राजकीय इंटर कालेज भवन को भारी क्षति पहुंची थी, जिसके बाद से स्कूल टीन शेड में संचालित हो रहा है। शासन ने वर्ष 2021 में विद्यालय के लिए ढाई करोड़ का बजट स्वीकृत किया। स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य अब जाकर पूरा हुआ है।

    सोमवार को विधायक दुर्गेश लाल ने विद्यालय के नए भवन का लोकार्पण करते हुए कहा कि सरकार सूबे में शैक्षणिक उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को बेहतर भवन, प्रयोगशालाएं व पुस्तकालय व शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

    नव निर्मित भवन में 12 कमरे, एक विशाल हाल, शौचालय, विज्ञान प्रयोगशाला और पुस्तकालय की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उल्लेखनीय है कि यह इंटर कालेज क्षेत्र के करीब सात गांव टिकोची समेत चिंवा, जागटा, किराणु, दुचाणु, बलावट एवं झोटाड़ी, गोकुल का मुख्य कालेज है।

    विद्यालय भवन के लोकार्पण अवसर पर छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर बीईओ पंकज कुमार, युद्धवीर सिंह रावत, विनोद सिंह रावत, राकेश उत्तराखंडी, मनमोहन चौहान, रमेश नौटियाल, संजय रावत, सतीश चौहान, महेंद्र सिंह, प्रेम सिंह चौहान, हरिमोहन सिंह चौहान, उमेंद्र आष्टा आदि मौजूद रहे।