उत्तराखंड कांग्रेस में भूचाल: पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बेटे के बाद, विधायक मयूख महर ने PCC से दिया इस्तीफा
Uttarakhand Congress Crisis पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह के बाद अब पिथौरागढ़ विधायक ने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी में बड़े व जनाधार वाले नेताओं की उपेक्षा हो रही है।

टीम जागरण, देहरादून : Uttarakhand Congress Crisis : प्रदेश में सांगठनिक चुनाव के बूते स्वयं को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस को पहले ही मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के नवनिर्वाचित सदस्यों की घोषित सूची विवादों में घिर गई है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह और पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने पीसीसी की सदस्यता ठुकराते हुए त्यागपत्र दे दिया। सदस्य सूची पर सवाल खड़ा करते हुए दोनों नेताओं ने जिस तरह यह कदम उठाया है, उससे पार्टी में हड़कंप है। विधायक मयूख महर ने तो इस सूची को ही पद की बंदरबांट बता दिया।
पीसीसी के नवनिर्वाचित 222 सदस्यों की सूची में प्रदेश के दिग्गज और बड़े नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा साफ दिखाई दे रहा है। विशेष बात ये है कि पीसीसी के ये सदस्य ब्लाक इकाइयों से चुने गए हैं। कांग्रेस के 225 सांगठनिक ब्लाकों में से 222 सदस्यों की सूची तैयार की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उनके पुत्र आनंद सिंह रावत व विधायक पुत्री अनुपमा रावत को स्थान मिला है। उनके कई समर्थकों व करीबियों को बतौर सदस्य तरजीह दी गई।
वहीं विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए पूर्व मंत्री हरक सिंह और लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी रही उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं भी पीसीसी सदस्य बनने में सफल रहे।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और उनके पुत्र पूर्व विधायक संजीव आर्य के साथ ही बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी और उनकी पत्नी रजनी भंडारी इस सूची का हिस्सा हैं।
19 में से 16 विधायकों को मिला सूची में स्थान
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ उनके कुछ करीबी पीसीसी सदस्य बने हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह इस सूची से बाहर रहे, लेकिन उनके पुत्र अभिषेक सिंह और भाई चमन सिंह को पीसीसी सदस्य बनाया गया है।
पार्टी के कुल 19 विधायकों में 16 को सूची में जगह दी गई है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी व विधायक ममता राकेश इस सूची से बाहर हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे और पूर्व विधायकों को भी सदस्य बनाया गया है।
मुझे और यशपाल आर्य को भी हटा दें, दो के लिए बनेगी जगह: रावत
पीसीसी सदस्यों को लेकर इस घमासान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्हें और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को पीसीसी से हटा दें, दो व्यक्तियों के लिए और जगह बन जाएगी।
रावत की इस टिप्पणी को सदस्यता से त्यागपत्र देने वालों पर व्यंग्य के तौर पर देखा जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन इस मामले में वह टिप्पणी से बचते दिखाई दिए। दिनभर उनका मोबाइल फोन स्विच आफ रहा।

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