उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत 26 जनवरी तक मैरिज रजिस्ट्रेशन में छूट, नहीं देनी होगी फीस
Uniform Civil Code उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता के अंतर्गत 26 जनवरी 2027 तक विवाह पंजीकरण को मुफ्त कर दिया है। अब विवाह पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा केवल कामन सर्विस सेंटर पर 50 रुपए सेवा शुल्क देना होगा। यह निर्णय राज्य में विवाह पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है जिससे नागरिकों को सुविधा होगी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। शासन ने समान नागरिक संहिता के तहत 27 जनवरी, 2025 से पहले हुए विवाह के पंजीकरण पर तय शुल्क पर दी जा रही छूट को अब 26 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले हुए तलाक या विवाह विच्छेद की डिक्री के पंजीकरण को भी इसी अवधि तक निश्शुल्क कर दिया है।
इसके लिए 250 रुपये लिए जाने का प्रविधान है, जिस पर सरकार ने छूट प्रदान की है। प्रदेश में 27 जनवरी, 2025 से समान नागरिक संहिता लागू हुई है। इस संहिता के तहत प्रदेश में 27 मार्च, 2010 के बाद हुए सभी विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इसके लिए 250 रुपये पंजीकरण शुल्क रखा गया है। जो व्यक्ति कामन सर्विस सेंटर से इनका पंजीकरण कराएगा उसे 50 रुपये शुल्क देना होगा।
समान नागरिक संहिता में पंजीकरण कराने को लेकर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू होने से पूर्व हुए विवाह का पंजीकरण शुल्क 26 जुलाई तक माफ किया हुआ था। अब इसकी अवधि छह माह और बढ़ाकर 26 जनवरी, 2026 तक कर दी गई है।
साथ ही संहिता लागू होने से पूर्व हुए विवाह विच्छेद, तलाक या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो, वे भी 26 जनवरी, 2026 तक इसका पंजीकरण निश्शुल्क करा सकते हैं। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
प्रदेश में समान नागरिक संहिता के तहत अब तक 3,62,127 विवाह पंजीकृत हो चुके हैं। इसके साथ ही विवाह विच्छेद के 255, लिव इन के पांच, उत्तराधिकार के 1932 और वसीयत बदलने का एक प्रकरण पंजीकृत किया जा चुका है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।