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    Uttarakhand News: राजकीय नर्सिंग कालेजों को मिली सात नई फैकल्टी, शिक्षा और प्रशिक्षण होगा सुदृढ़

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 05:38 AM (IST)

    उत्तराखंड के राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होने जा रही है। राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने सात नए फैकल्टी सदस्यों को नियुक्त किया है, जिनमें एक प्रोफेसर और छह एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इन नियुक्तियों से कॉलेजों में शिक्षा और प्रशिक्षण बेहतर होगा, और सरकार सभी रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के राजकीय नर्सिंग कालेजों में फैकल्टी की कमी अब दूर होने जा रही है। राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित सात फैकल्टी सदस्यों को प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कालेजों में प्रथम तैनाती दे दी गई है। इनमें एक प्रोफेसर और छह एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं।

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    प्रोफेसर (नर्सिंग) पद पर चयनित चक्रपाणी चतुर्वेदी को राजकीय नर्सिंग कालेज चंपावत में तैनात किया गया है। वहीं एसोसिएट प्रोफेसर (नर्सिंग) के पद पर रोजलिन लिली जैन को टिहरी, दीपिका शर्मा को चंपावत, श्वेता को बाजपुर, आशुतोष कुंवर को पिथौरागढ़, मीना को पौड़ी और ज्योति गोदियाल को कोठगी, रुद्रप्रयाग में नियुक्त किया गया है।

    स्वास्थ्य मंत्री डा.धन सिंह रावत ने बताया कि इन नियुक्तियों से नर्सिंग कालेजों में शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियां सुदृढ़ होंगी, जिससे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण मिल सकेगा। कहा कि सरकार नर्सिंग कालेजों में संकाय के सभी पद शीघ्र भरने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले 26 नर्सिंग ट्यूटरों को भी प्रथम तैनाती दी जा चुकी है।

    ग्राम पंचायतों में वार्ड सदस्यों के चुनाव न होने से विकास कार्य प्रभावित

    जिला ग्राम प्रधान संगठन, नैनीताल के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह अधिकारी ने गुरुवार को सचिवालय में विशेष सचिव पंचायती राज विभाग पराग मधुकर धकाते को पत्र सौंपकर ग्राम पंचायतों में वार्ड सदस्यों के निर्वाचन न होने से विकास कार्य प्रभावित होने का मुद्दा उठाया।

    पत्र में उन्होंने कहा कि पंचायतों के चुनाव संपन्न हुए 96 दिन बीत चुके हैं, परंतु अभी तक वार्ड सदस्यों का निर्वाचन नहीं हो सका है। इसके चलते राज्य की 7499 ग्राम सभाओं में से 2707 ग्राम पंचायतों का गठन अधर में लटका हुआ है। लगभग 4792 ग्राम पंचायतें बिना पूर्ण गठन के कार्य नहीं कर पा रही हैं।

    पत्र में बताया गया कि सचिव, बीडीसी सदस्य, विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी तथा संबंधित विभागों द्वारा वार्ड सदस्यों की अनुपस्थिति में कोई भी पंचायत प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सकता, जिससे विकास कार्य, योजनाओं की स्वीकृति, बजट व्यय आदि प्रभावित हो रहे हैं।

    उन्होंने विशेष सचिव से आग्रह किया कि शीघ्र ही वार्ड सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ कराई जाए, ताकि ग्राम पंचायतों का नियमित संचालन एवं विकास कार्य पुनः शुरू हो सकें।