50 हजार इनामी के लिए दुबई पहुंची उत्तराखंड पुलिस, तो एक लाख रिवॉर्ड वाले पति-पत्नी पर दरियादिली' क्यों?
उत्तराखंड पुलिस द्वारा 17 करोड़ के ठगी के आरोपी जगदीश पुनेठा को दुबई से पकड़ने के बाद, एक लाख के इनामी दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल पर नरमी बरतने पर सवाल उठ रहे हैं। पुष्पांजलि बिल्डर के निदेशक 2020 से 45 करोड़ लेकर फरार हैं, जबकि पुलिस अन्य मामलों में तत्परता दिखा रही है। निवेशकों के साथ धोखा हुआ और परियोजना अधूरी रह गई।

एक लाख रुपये के इनामी आरोपित पुष्पांजलि बिल्डर के दीपक व राखी पर बरती जा रही नरमी. Concept Photo
अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। उत्तराखंड पुलिस का शुक्रवार को अब तक का सबसे बड़ा गुडवर्क सामने आया, जिसमें वह करीब 17 करोड़ रुपये ठगकर फरार पिथौरागढ़ के आरोपित जगदीश पुनेठा को दुबई से पकड़ लाई। यह 50 हजार रुपये का इनामी है और वर्ष-2021 से फरार था। अब सवाल यह उठ रहा कि जब उत्तराखंड पुलिस 17 करोड़ के फरार आरोपित के लिए दुबई जा सकती है, तो एक-एक लाख रुपये के इनामी दीपक मित्तल व उसकी पत्नी राखी मित्तल पर 'दरियादिली' क्यों दिखाई जा रही। पुष्पांजलि बिल्डर के निदेशक दीपक और राखी वर्ष-2020 से निवेशकों के करीब 45 करोड़ रुपये लेकर फरार हैं और उनके विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस भी है। दोनों दुबई में हैं। यह पुलिस और जांच एजेंसियों को मालूम भी है, लेकिन उन पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहीं।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक (आवासीय परियोजना) में करीब 45 करोड़ रुपये निवेश करने वाले 90 फ्लैट खरीदारों को धोखा देकर पुष्पांजलि इंफ्राटेक का निदेशक दीपक मित्तल पत्नी राखी मित्तल के साथ पांच साल पूर्व फरार हो गया था। इस आवासीय परियोजना के नाम पर सहस्रधारा रोड पर महज दो टावर के अधूरे ढांचे ही खड़े हैं। परियोजना से जुड़ी संपत्ति ईडी ने अटैच की हुई है।
प्रकरण में पुलिस, एसआइटी और ईडी जांच कर रहे हैं, पर पांच साल से सभी खाली हाथ हैं। कुछ माह पहले चर्चा थी कि दीपक मित्तल देहरादून आकर लौट गया, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब शुक्रवार को पुलिस के 'गुडवर्क' ने ही उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चिड-फंड घोटाले के आरोपित जगदीश पुनेठा के लिए पुलिस ने सीबीआइ व इंटरपोल तक से मदद ली और दुबई तक पहुंच गई। वहीं, दीपक व राखी मित्तल के लिए यह प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई, यह सवाल अब जरूर खड़ा हो रहा है।
वर्ष-2018 में काम बंद, 2020 में फरार
पुष्पांजलि इंफ्राटेक की ग्रुप हाउसिंग आर्किड पार्क परियोजना में कुल आठ टावर में 320 फ्लैट का निर्माण प्रस्तावित किया गया था। निर्माण के नाम पर स्थल पर दो टावर के अधूरे ढांचे खड़े किए गए और 90 फ्लैट की बुकिंग कर करीब 45 करोड़ रुपये बिल्डर दीपक मित्तल ने प्राप्त कर लिए। जबकि उसने परियोजना का निर्माण वर्ष-2018 में ही बंद कर दिया था। फ्लैट खरीदारों ने जब निर्माण पूरा करने या धनराशि वापस करने की मांग की तो बिल्डर दीपक मित्तल पत्नी राखी मित्तल के साथ वर्ष-2020 में फरार हो गया।
पीएनबी का 21 करोड़ ऋण भी ले गए साथ
पुष्पांजलि इंफ्राटेक के अंतर्गत बिल्डर दीपक मित्तल ने परियोजना का निर्माण अन्य पार्टनर/निदेशक राजपाल वालिया के साथ मिलकर शुरू किया था। फ्लैट की बुकिंग के रूप में खरीदारों से धनराशि लेने के साथ बिल्डर ने पीएनबी की इंदिरानगर शाखा से 21 करोड़ रुपये का ऋण भी लिया था। दीपक मित्तल इसे लेकर भी फरार हो गया। अब यह ऋण एनपीए घोषित हो चुका है। प्रकरण में मनी लांड्रिंग के संदेह को देखकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून शाखा ने मार्च-2022 में जांच शुरू की थी और परियोजना और निदेशकों के फ्लैट अटैच कर दिए थे।
जो गिरफ्तार किए, वह सब अब बाहर
बिल्डर दीपक मित्तल और राखी मित्तल को तो जांच एजेंसियां अब तक पकड़ ही नहीं पाई हैं, अलबत्ता प्रकरण में जो भी आरोपित अब तक गिरफ्तार किए गए थे, वह सभी जमानत पर बाहर आ चुके हैं। मित्तल के सहयोगी व पुष्पांजलि के दूसरे निदेशक राजपाल वालिया को पिछले दिनों ही जमानत मिली है। वालिया की पत्नी शेफाली वालिया को भी गिरफ्तार किया था, वह भी जमानत पर बाहर है। मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया था, वह भी मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर हैं।

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