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    Weather Update: कड़ाके की ठंड के लिए रहें तैयार! 24 घंटे में बदलेगा उत्तराखंड में मौसम का मिजाज

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 08:13 AM (IST)

    उत्तराखंड में अक्टूबर में सामान्य से 35% अधिक वर्षा हुई, फिर भी तापमान सामान्य से ऊपर रहा। बागेश्वर में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जबकि उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में कम बारिश दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की कम गतिविधियों के कारण ठंड में देरी हो रही है। आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव की संभावना है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    विजय जोशी, जागरण, देहरादून। अक्टूबर में उत्तराखंड में सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर बना रहा। महीने के पहले पखवाड़े में कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई, फिर भी ठंड का असर उम्मीद के मुताबिक नहीं दिखा। पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर तराई तक अब तक सामान्य से कम ठंड महसूस की जा रही है। आने वाले दिनों में पारे में तेजी से गिरावट के आसार हैं।

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    बागेश्वर में सर्वाधिक वर्षा, उत्तरकाशी-पिथौरागढ़ में सबसे कम बरसे मेघ

     

    मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, अक्टूबर में प्रदेश में औसतन 41.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि सामान्य वर्षा 31 मिलीमीटर होती है। इस तरह राज्य में औसत से लगभग 35 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। जिलावार आंकड़ों की बात करें तो बागेश्वर में सर्वाधिक 69.7 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से 242 प्रतिशत अधिक रही। रुद्रप्रयाग जिले में भी सामान्य से 212 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा चमोली में 161 प्रतिशत, अल्मोड़ा में 70 प्रतिशत और टिहरी गढ़वाल में 65 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

     

    दूसरे पखवाड़े में पारा सामान्य से अधिक, अगले कुछ दिन में बढ़ेगी ठंड

     

    वहीं, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में भी क्रमशः 52 और 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जहां कई जिलों में बारिश औसत से अधिक रही, वहीं कुछ स्थानों पर यह सामान्य से कम दर्ज की गई। नैनीताल में आठ प्रतिशत, पिथौरागढ़ में 11 प्रतिशत, उत्तरकाशी में 13 प्रतिशत कम वर्षा हुई। वहीं, देहरादून में 13 व पौड़ी में पांच प्रतिशत अधिक बारिश रिकार्ड की गई।ठंड में देरी की वजह बनी गर्म हवा और शुष्क मौसम

    रात का तापमान नहीं बदला

     

    मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के पहले दो हफ्तों में बारिश जरूर हुई, लेकिन उसके बाद लगातार साफ मौसम और दिन के तापमान में बढ़ोतरी से ठंड ने दस्तक नहीं दी। इस बार पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियां अपेक्षाकृत कम रही हैं। नतीजतन, रात के तापमान में गिरावट नहीं आ सकी। पहाड़ी इलाकों में हल्की सर्द हवाओं का असर जरूर शुरू हुआ है, लेकिन मैदानों में अब भी न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री ऊपर बना हुआ है।


    सोमवार से फिर करवट बदल सकता है मौसम

     

    शुक्रवार को दून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में धूप और बादलों की आंख-मिचौनी चलती रही। जिससे न्यूनतम तापमान में भारी वृद्धि दर्ज की गई। 24 घंटे के भीतर पारे में दो डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले दो दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बना रह सकता है। ताजा पश्चिमी विक्षोभ आगामी तीन नवंबर को उत्तराखंड में सक्रिय हो सकता है। जिससे मौसम का मिजाज बदलने का अनुमान है।