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    रुड़की: सोलानी नदी की बाढ़ सुरक्षा योजना अटकी, गांवों पर कटाव का खतरा!

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 03:53 PM (IST)

    रुड़की के भगवानपुर में सोलानी नदी के किनारे बसे गांवों में हर साल कटाव होता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। सिंचाई विभाग ने 4.80 करोड़ रुपये की बाढ़ सुरक्षा योजना बनाई, जो शासन स्तर पर अटकी हुई है। हाल ही में हुई बारिश से गांवों में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

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    योजना बनती है, रिपोर्ट जाती है, आश्वासन भी मिलता है। लेकिन शासन स्तर पर फाइलें हो जाती धीमी। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सहयोगी,रुड़की। सोलानी नदी के किनारे बसे भगवानपुर और आसपास के तटीय गांवों में हर वर्ष होने वाले कटाव से खेत उजड़ते हैं, घरों की नींव हिलती है और किसान बेबस होकर आसमान की ओर देखते रह जाते हैं। इस संकट से निपटने को सिंचाई विभाग ने 4.80 करोड़ की रींच कार्य योजना तैयार की, लेकिन शासन स्तर पर फाइल अटक गई। हालिया वर्षाकाल में भारी क्षति का आकलन भी विभाग ने जिलाधिकारी और आपदा प्रबंधन को भेजा, फिर भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।

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    भगवानपुर ब्लाॅक के चौली शहाबुद्दीनपुर के आसपास के गांव में हमेशा बाढ का खतरा लगातार मंडरता रहता है। खासकर वर्षाकाल में सोलानी नदी उफान पर होती है। जिससे आसपास के ग्रामीण इलाकें इसकी चपेट में आ जाते है। बीते माह हुई वर्षा ने काफी गांव को अपनी चपेट में लिया था। इनमें खुबन्नपुर, मंडावर, छापुर, शेर अफगानपुर, चौली शहाबुद्दीनपुर, सिसौना आदि गांव शामिल है। यहां बाढ़ का पानी जैसे ही उफान पकड़ता है, खेतों की मेड़ें बह जाती हैं, उपजाऊ भूमि का हिस्सा नदी में समा जाता है और किसानों की महीनों की मेहनत पलक झपकते ही मिट्टी हो जाती है।

    इसी खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग ने 4.80 करोड़ रुपये की बाढ़ सुरक्षा योजना तैयार की थी। योजना में तटीय क्षेत्रों में रींच कार्य, कटाव रोकने के उपाय और नदी के बहाव को नियंत्रित करने के तकनीकी प्रस्ताव शामिल थे। विभाग ने हालिया वर्षाकाल में करीब दो करोड़ के नुकसान हुए कटाव का विस्तृत आकलन जिलाधिकारी कार्यालय और आपदा प्रबंधन विभाग को भेजकर स्थिति की गंभीरता भी बताई थी। लेकिन आपदा प्रबंधन ने अभी तक कोई सुध नही ली। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि यह कहानी हर वर्ष दोहराई जाती है। योजना बनती है, रिपोर्ट जाती है, आश्वासन भी मिलता है। लेकिन शासन स्तर पर फाइलें इतनी धीमी चलती हैं कि अगला वर्षाकाल सामने खड़ा हो जाता है।

    वहीं भगवानपुर विधायक ममता राकेश भी इस मामले को उठाकर शासन में पत्र लिख चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। उधर सिंचाई खंड के अधिशासी अभियंता डीसी उनियाल का कहना है कि 4.80 करोड़ की योजना तैयार है, विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं। प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है, स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जा सकता है। वही किसानों की चिंता इस बार ज्यादा है क्योंकि हालिया वर्षाकाल में कई गांवों में भारी स्तर पर कटाव हुआ। अगर योजना फिर अटक गई, तो अगली बारिश में हालात और भयावह हो सकते हैं।