विवाहिता को जिंदा जलाने पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान, एसएसपी हरिद्वार को सख्त कार्रवाई के निर्देश
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने हरिद्वार में एक विवाहिता को जिंदा जलाने की घटना पर सख्त रुख अपनाया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने एसएसपी हरिद्वार को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आयोग ने मामले की गहन जांच करने और पीड़िता को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों को अस्वीकार्य बताते हुए, आयोग ने दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही है।

ससुराल पक्ष पर दहेज के आरोप, कई बार समझौते के प्रयास हुए. Concept Photo
जागरण संवाददाता, देहरादून । विवाहिता को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने के मामले में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। वहीं, घटना के संबंध में एसएसपी हरिद्वार को दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उधर, आग से झुलसी गंभीर पीड़िता का फिलहाल एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है।
हरिद्वार के रोशनाबाद कस्बे के पास एक गांव में विवाहिता भारती को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की घटना का राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने संज्ञान लिया है। भारती के पिता ने शिकायती पत्र में बताया कि 11 अक्टूबर 2025 को आरोपित पति आशीष कुमार, पिता विजय पाल व सास, नंद और जेठ ने पेट्रोल डालकर भारती को जिंदा जला दिया। इससे भारती 80 प्रतिशत तक झुलस गई और फिलहाल एम्स ऋषिकेश में उसका गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।
24 सितंबर 2025 को भारती ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद परिवार के लोगों के अत्याचार और बढ़ने शुरू हो गए। भारती को गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। पीड़िता की बहन ने बताया कि भारती की शादी एक साल पहले अक्टूबर 2024 को आशीष कुमार से हुई थी।
शुरूआती दिनों में सबकुछ सामान्य रहा। लेकिन, इसके बाद ससुराल पक्ष दहेज की मांग करने लगा। कई बार समझौते के प्रयास किए गए लेकिन अत्याचार बढ़ता चला गया। वहीं, महिला आयोग की अध्यक्ष ने प्रकरण के संबंध में हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल को तुरंत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसओ सिडकुल ने बताया कि आरोपितों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
यह अत्यंत निंदनीय और मानवता को झकझोर देने वाली घटना है। किसी भी कीमत पर आरोपित बख्शे नहीं जाएंगे। हर दोषी को कानून के तहत कठोरतम सजा दिलाई जाएगी। पीड़ित परिवार के प्रति गहरा दुख और संवेदनाएं हैं। किसी भी स्तर पर प्रकरण में ढिलाई नहीं बरती जाएगी। यह मामला महिला सुरक्षा और न्याय की कसौटी बनेगा।
-कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग
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