मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बोले, गढ़वाल-कुमाऊं मंडल में बनेंगे आध्यात्मिक आर्थिक जोन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल और कुमाऊं में आध्यात्मिक आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की घोषणा की है, जिससे योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड को आयुर्वेद का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए सरकार आयुष टेलीकंसलटेंसी और हर जिले में आयुर्वेदिक अस्पताल शुरू करेगी। पीजीआइकान-2025 के शुभारंभ में मुख्यमंत्री ने वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही।

नैनीताल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंंह धामी। आर्काइव
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में आध्यात्मिक आर्थिक जोन (सेज) स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इनके माध्यम से योग, आयुर्वेद, ध्यान, आध्यात्मिक पर्यटन और पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राज्य के रजत जयंती समारोह में उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की बात कही थी। सीएम ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने को लेकर कहा कि हमारी सरकार भी इसी दिशा में राज्य को ग्लोबल सेंटर आफ आयुर्वेद एंड वेलनेस के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश में जल्द ही आयुष टेलीकंसलटेंसी की शुरुआत की जाएगी। साथ ही प्रदेश के हर जिले में 10 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल भी शुरू किए जाएंगे।
गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भुजियाघाट (नैनीताल) स्थित काया आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज और अस्पताल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पीजीआइकान-2025 का शुभारंभ किया। कहा कि देवभूमि हमेशा से ही योग, औषधियों और जड़ी-बूटियों की भूमि रही है। यहां की पर्वतीय वनस्पतियों ने आयुर्वेद को मजबूत आधार प्रदान किया है।
सरकार का उद्देश्य राज्य को वेलनेस टूरिज्म और प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनाना है। इसके लिए आयुर्वेदिक कालेजों, अनुसंधान संस्थानों और योग ग्रामों को सशक्त किया जा रहा है। कोराना महामारी में भी हमने आयुर्वेद के महत्व को समझा है। सांसद अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से आयुर्वेद और आयुष के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।
जब सीएम बोले, इसे पढ़ना ही क्या, फेंक दो...
पीजीआइकान सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उस समय नाराज हो गए, जब वह मंच से अतिथियों के नाम की पर्ची पढ़ रहे थे। पर्ची में जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट की जगह प्रदीप बिष्ट (पूर्व जिलाध्यक्ष) लिखा हुआ था। इसे लेकर पहले वह हंसे फिर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि मंच से गलत नाम पढ़ा जाता, यह सही नहीं है। हर व्यक्ति का सम्मान सही ढंग से होना चाहिए। पर्चे को फेंकते हुए कहने लगे, इसे पढ़ना ही क्या, फेंक दो...। इसके बाद उन्होंने बिना पर्चे के ही मंच से लेकर सामने बैठे प्रमुख लोगों के नाम उन्हें देखकर लिए। लोगों ने इस पर तालियां भी बजाई।

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