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    दुबई में बैठा साइबर ठग, स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे युवक; उत्तराखंड का जामताड़ा बन रहा ये शहर

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 08:13 PM (IST)

    उत्तराखंड का एक शहर साइबर अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। दुबई में स्थित एक साइबर ठग युवाओं का इस्तेमाल स्लीपर सेल की तरह कर रहा है, जिससे यह शहर उत्तराखंड का जामताड़ा बनता जा रहा है। पुलिस प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

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    दिल्ली पुलिस के बाद अब हरियाणा पुलिस ने बनभूलुपरा से गिरफ्तार किए दो युवक. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। दुबई में बैठा साइबर ठगी का सरगना दिल्ली, हरियाणा की पुलिस को चकमा दे रहा है। कभी इसकी लोकेशन (आइपी एड्रेस) कंबोडिया तो कभी दुबई दिख रही है। मुख्य आरोपित प्रियांशु (रोलेक्स) विदेश से ही हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा के युवकों को स्लीपर सेल की तरह यूज कर रहा है। लोगों से की गई साइबर ठगी की रकम बनभूलपुरा के युवकों के खातों में ट्रांसफर होती है। इसके बाद इन लोगों को एक से पांच हजार रुपये तक का कमिशन भी दिया जाता है।

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    दिल्ली पुलिस ने एक नवंबर को बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में पहुंचकर तीन युवक मो. शादाब अंसारी, अनस अंसारी और मो. दानिश को ट्रेस करके गिरफ्तार किया था। साथ ही हल्द्वानी से इन्हें अपने साथ दिल्ली लेकर चली गई थी। वहीं गुरुवार की देर रात हरियाणा पुलिस भी बनभूलपुरा थाने में पहुंची। जिसपर टीम ने आजाद नगर निवासी 22 वर्षीय अयाज व आजाद नगर में ही रहने वाले 23 वर्षीय मो. आरिश को धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश के तहत अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया है। साथ ही हरियाणा पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर चली गई है। साइबर धोखाधड़ी की इस घटना से हल्द्वानी पुलिस भी अलर्ट मोड में आ गई है।

    सूत्रों की मानें तो बनभूलपुरा में कम पढ़े लिखे युवा कम समय में ज्यादा रुपये कमाने के लिए यह काम कर रहे हैं। इन्हें बताया जा रहा है कि गेमिंग एप से जुड़े रुपये तुम्हारे खातों में आएंगे। जिसपर यह रुपये दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। इन युवाओं को इसकी एवज में कमिशन दिया जाता है। बनभूलपुरा में इसी तरह साइबर ठगों के साथ मिलकर इस तरह का काम कर रहे हैं।

    पूर्व छात्रसंघ उपसचिव का भाई है दुबई में बैठा मास्टरमाइंड

    एमबीपीजी कालेज के पूर्व छात्रसंघ उपसचिव का भाई प्रियांशु उर्फ रोलैक्स ही साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है। पूर्व छात्रसंघ उपसचिव ने भाई के साथ मिलकर बनभूलपुरा के कई युवकों का करंट अकाउंट खुलवाया था। तब जाकर साइबर अपराधियों का गिरोह सामने आया था। उस दौरान छात्रसंघ उपसचिव करन अरोरा, भाई प्रियांशु समेत 12 युवकों पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी हुई थी। इसके बाद अब हरियाणा पुलिस को दोबारा साइबर क्राइम में प्रियांशु का नाम सामने मिला है।

    सब्जी बेचने वालों से लेकर ड्राइवर व मजदूर हैं साइबर स्लीपर सेल

    बनभूलपुरा में 20 से 25 साल की उम्र के युवा ही इस साइबर ठगी के गिरोह में शामिल हैं। पूर्व में पकड़े गए लोगों में कोई सब्जी बेचने का काम करता है तो कोई लेबर है। हाल ही में पकड़े गए दोनों युवकों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि 22 वर्षीय अयाज ड्राइवर है। वहीं 23 वर्षीय मो. आरिश पूर्व में मोबाइल नेटवर्क से जुड़ी एक कंपनी में कार्यरत था। जबकि अब वह मजदूरी करता है।

    हल्द्वानी का जामताड़ा बनता जा रहा बनभूलपुरा

    नशाखोरी, सटोरियों से चर्चित बनभूलपुरा अब साइबर क्राइम से संबंधित अपराध में भी आगे आ रहा है। भले ही यहां से साइबर क्राइम संचालित नहीं होते हैं। लेकिन साइबर अपराधियों के गिरोह में बनभूलपुरा के युवकों का नाम सामने आ रहा है। मई से अब तक करीब 10 से अधिक युवकों का नाम साइबर ठगी के रुपये ट्रांसफर करने में सामने आया है। इसको लेकर हल्द्वानी पुलिस भी अब सक्रिय हो गई है।

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    साइबर क्राइम में ठगे गए रुपये बनभूलपुरा के युवकों के खातों में ट्रांसफर हो रहे हैं। यहां दिल्ली व हरियाणा की टीम ने आकर अब तक पांच युवकों को गिरफ्तार किया है। इसको देखते हुए पुलिस अब बनभूलपुरा के युवकों को ट्रेस कर रही है। इन घटनाओं से पुलिस सतर्क हो गई है। इस तरह के अपराध में लिप्त युवकों की जांच की जाएगी।

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    - मनोज कत्याल, एसपी सिटी