सरकार से अधिवक्ता प्रोटेक्शन अधिनियम बनाने की मांग, हाईकोर्ट में भी दायर करेंगे याचिका
उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने राज्य में अधिवक्ता प्रोटेक्शन अधिनियम बनाने व उसे लागू करने की मांग उठाई है। अधिवक्ताओं के समूह ने तय किया है कि इ ...और पढ़ें

नैनीताल, जागरण संवाददात : उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने राज्य में अधिवक्ता प्रोटेक्शन अधिनियम बनाने व उसे लागू करने की मांग उठाई है। अधिवक्ताओं के समूह ने तय किया है कि इस मामले को लेकर सरकार को प्रत्यावेदन भेजा जाएगा, फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
रविवार को अधिवक्ताओं को ऑनलाइन संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता अदालतों में माफिया, रसूखदारों, सरकार के कद्दावर मंन्त्री, बिल्डर व अफसरों के खिलाफ केस लड़ते हैं, उन्हें इस दौरान धमकियां भी मिलती हैं, लेकिन अधिवक्ता के पास किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं है। यदि किसी अधिवक्ता की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिलती है। बार काउंसिल की ओर से भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है।
हाईकोर्ट बार एशोसिएशन के पूर्व सचिव कमलेश तिवारी ने कहा कि अधिवक्ता समाज का प्रबुद्ध वर्ग है। वकालत करने के दौरान उसे विपरीत परिस्थितियों का सामना करना होता है, लेकिन उसे किसी तरह की कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती। वह अपने ज्ञान व तर्को से वादकारियों को न्याय दिलाता है। वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी पंत ने कहा कि अधिवक्ता आज के दौर में मुश्किल हालात से गुजर रहा है, लिहाजा सरकार को जल्द अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम बनाना चाहिए।
संचालन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन संयुक्त सचिव शक्ति प्रताप सिंह व अधिवक्ता सुरज पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भट्ट, उमेश जोशी, तनुज तलवार साह, अंकित साह, सौरभ अधिकारी, अमनजोत, मनू तुलेड़ा, मनोज जोशी आदि ने विचार रखे।

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