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    President Uttarakhand Visit: नैनीताल आने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनेंगी द्रौपदी मुर्मु, महान हस्तियों की पसंदीदा छोटी विलायत

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नैनीताल की यात्रा करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति होंगी, जो एक ऐतिहासिक घटना है। पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू भी नैनीताल में पर्यटकों के साथ बोटिंग का आनंद लेते थे। राष्ट्रपति मुर्मु के दौरे के लिए तैयारियां चल रही हैं और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आजादी के बाद नैनीताल आ रही पहली राष्ट्रपति व तीसरी देश की संवैधानिक प्रमुख हैं। आर्काइव

    किशोर जोशी, नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल पर्यटकों के साथ ही देश की महान हस्तियों का पसंदीदा शहर रहा है। देश के शीर्ष व संवैधानिक पदों पर रहे राजनेताओं ने पद पर रहते व पद से हटने तथा संघर्ष के दौर में छोटी विलायत या नैनीताल में शुकुन के पल बिताए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आजादी के बाद सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर नैनीताल आ रही पहली राष्ट्रपति व तीसरी देश की संवैधानिक प्रमुख हैं। इससे पहले देश के पहले राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद व कार्यवाहक राष्ट्रपति विवि गिरी नैनीताल आ चुके हैं।

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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के नैनीताल आगमन को लेकर शहर में उत्साह व उत्सुकता है। राष्ट्रपति कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल के इतिहास में पहली बार दीक्षा समारोह में शामिल होंगी और राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी। बाबा नीब करौरी स्थापित प्रसिद्ध कैंची धाम के भी दर्शन करेंगी।

    शहर के इतिहास के जानकार पूर्व पालिकाध्यक्ष श्याम नारायण बताते हैं कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद 1959 में नैनीताल आये और उन्होंने नगरपालिका की ओर से निर्मित जिला क्रीड़ा संघ के स्टेडियम फ्लैट्स का उद्घाटन किया जबकि 1969 में तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति बने वीवी गिरी उसी साल नैनीताल आये और मल्लीताल में भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा का अनावरण किया। वह मूर्ति के अनावरण के लिए ही खास तौर पर नैनीताल आये। अब मौजूदा राष्ट्रपति देश की तीसरी संवैधानिक प्रमुख हैं, जो नैनीताल आ रही हैं।

    नेहरू ने पर्यटकों के साथ किया नौकायन

    नैनीताल: सरोवर नगरी की झील में नौकायन हर किसी का सपना होता है। पूर्व पालिकाध्यक्ष श्याम नारायण के अनुसार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 1963 में नैनीताल भ्रमण को आये और खुली जीप में घूमे। उन्होंने पर्यटकों के साथ झील में नौकायन का लुत्फ उठाया। नेहरू आजादी आंदोलन के दौर में भी नैनीताल आये जबकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1929 में पहली बार नैनीताल आये। इसके अलावा बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी 2002 में तथा डाक्टर मनमोहन सिंह 2006 तथा 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा नैनीताल आए।

    पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी कुमाऊं विवि के दीक्षा समारोह में शामिल हो चुके हैं। बाजपेयी ने तो नैनीताल झील के लिए विशेष पैकेज भी दिया जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में मनमोहन सिंह व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी नैनीताल आई। तब नैनीताल में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नैनीताल क्लब में सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसी सम्मेलन के बहाने तत्कालीन लोनिवि मंत्री इंदिरा हृदयेश की मॉनिटरिंग में नैनीताल क्लब का कायाकल्प किया गया। इसी साल जून में बतौर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नैनीताल आये। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री नैनीताल आ चुके हैं।